प्रतिनिधिमंडल के लिए सरकार की ओर से चुने गए कांग्रेस नेता अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें: पार्टी
धीरज नेत्रपाल
- 18 May 2025, 06:59 PM
- Updated: 06:59 PM
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कांग्रेस ने रविवार को कहा कि वह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विभिन्न देशों में भेजे जाने वाले राजनयिक प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा बनने से किसी को नहीं रोक रही है और सरकार के कहने पर जिन नेताओं के नाम इसमें शामिल किए गए हैं, उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए तथा इस प्रक्रिया में योगदान देना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने सरकार पर प्रतिनिधिमंडलों के लिए नेताओं के चयन की प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने और ‘‘दुर्भावनापूर्ण इरादे’’ रखने का आरोप लगाया, क्योंकि पार्टी द्वारा नामित चार नेताओं में से केवल एक को ही प्रतिनिधिमंडल में जगह दी गई है।
पार्टी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने उससे पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चार नेताओं के नाम देने को कहा था।
कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को नामित किया था।
पार्टी के मुताबिक, इन चारों में से केवल शर्मा को ही विभिन्न देशों का दौरा करने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया गया है।
चार कांग्रेसी नेता - शशि थरूर, मनीष तिवारी, अमर सिंह और सलमान खुर्शीद को सरकार ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है जो पार्टी द्वारा भेजी गई सूची का हिस्सा नहीं थे।
रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने जो चार नाम भेजे थे, उनमें से उन्होंने केवल एक नेता को शामिल किया। चार अन्य नाम सरकार ने जोड़े, जो वरिष्ठ सांसद और हमारी पार्टी के नेता हैं, उन्हें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए और प्रतिनिधिमंडल में योगदान देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। इस मामले को ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए और इस संबंध में अधिक राजनीतिकरण उचित नहीं है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने किसी को नहीं रोका है और प्रतिनिधिमंडल में शामिल हमारे सभी सांसद वहां जाएंगे और योगदान देंगे।’’
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए थरूर के चयन पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई थी और सरकार पर ‘‘शरारतपूर्ण’’ मानसिकता के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया था।
रमेश ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जोड़े गए चार नामों में एक पूर्व विदेश मंत्री भी शामिल हैं, जिन्हें विदेश नीति का अनुभव है।
कांग्रेस ने राजनयिक प्रतिनिधिमंडल के लिए उसके द्वारा मनोनीत चार नेताओं में से केवल एक को शामिल किए जाने पर कहा कि यह नरेन्द्र मोदी सरकार की ‘‘पूर्ण निष्ठाहीनता’’ को साबित करता है और गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर उसके द्वारा की जा रही ‘‘ओछी राजनीति’’ को दर्शाता है।
विपक्षी पार्टी ने हालांकि कहा कि मोदी सरकार के कहने पर शामिल किए गए चार प्रमुख कांग्रेस सांसद/नेता प्रतिनिधिमंडल के साथ जाएंगे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को सामने रखने के लिए दुनिया की राजधानियों में जाने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल होंगे।
कांग्रेस महासचिव रमेश ने शनिवार देर रात जारी एक बयान में कहा, ‘‘16 मई की सुबह, मोदी सरकार ने कांग्रेस पार्टी से चार सांसदों/नेताओं के नाम मांगे, जिन्हें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की स्थिति को दुनिया के सामने रखने के लिए विदेश भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया जाना था। कांग्रेस संसदीय दल की ओर से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने 16 मई को दोपहर 12 बजे तक चार नाम संसदीय कार्य मंत्री को लिखित रूप में भेज दिए थे।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘आज देर रात (17 मई) इन सभी प्रतिनिधिमंडलों की आधिकारिक सूची जारी कर दी गई है। अत्यंत खेदजनक है कि कांग्रेस नेतृत्व द्वारा सुझाए गए चार नामों में से केवल एक को ही शामिल किया गया है।’’
भाषा धीरज