ईरान को किसी भी परमाणु समझौते के तहत ‘छद्म समूहों’ का समर्थन बंद करना चाहिए : ट्रंप
एपी प्रशांत नरेश
- 14 May 2025, 06:23 PM
- Updated: 06:23 PM
रियाद, 14 मई (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को खाड़ी नेताओं से कहा कि वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बंद करने के लिए उसके साथ तत्काल “समझौता करना” चाहते हैं, लेकिन किसी भी संभावित समझौते के हिस्से के रूप में तेहरान को पूरे क्षेत्र में ‘छद्म’ समूहों को अपना समर्थन बंद करना होगा।
सऊदी अरब की राजधानी में युवराज मोहम्मद बिन सलमान द्वारा आयोजित खाड़ी सहयोग परिषद के नेताओं की बैठक में ट्रंप ने कहा,‘‘ ईरान को “आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करना होगा, अपने रक्तरंजित छद्म युद्धों को रोकना होगा, तथा परमाणु हथियार बनाने के प्रयासों को स्थायी रूप से और सत्यापन किये जाने योग्य स्थिति तक बंद करना होगा। वे अपने पास परमाणु हथियार नहीं रख सकते।”
पिछले महीने की शुरुआत से लेकर अब तक अमेरिका और ईरान के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है, जिसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ट्रंप ने बार-बार कहा है कि उन्हें लगता है, समझौता संभव है, लेकिन अब यह खिड़की बंद होती जा रही है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूतियों को समर्थन बंद करने के लिए कड़े शब्दों के साथ दबाव डाला है।
हमास द्वारा 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला शुरू करने के बाद से पिछले 19 महीनों में इसके छद्म नेटवर्क को महत्वपूर्ण असफलताओं का सामना करना पड़ा है।
ईरान में विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने ट्रंप की टिप्पणी को “कपटपूर्ण” कहा, लेकिन ईरान से छद्म समूहों को समर्थन बंद करने के अमेरिकी नेता के आह्वान पर सीधे तौर पर टिप्पणी नहीं की।
बाद में, ‘एयरफोर्स वन’ विमान में पत्रकारों के साथ बातचीत में ट्रंप ने ईरान से उसके परमाणु कार्यक्रम के बारे में “सही निर्णय लेने” का आग्रह किया, “क्योंकि किसी न किसी तरह कुछ न कुछ घटित होगा”।
ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा, “ऐसे में हम या तो इसे दोस्ताना तरीके से करेंगे या फिर बहुत ही गैरदोस्ताना तरीके से करेंगे। और वह सुखद नहीं होगा।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका मानना है कि “हिजबुल्लाह आतंकवादियों की पकड़ से मुक्त भविष्य के लिए” यह सही समय है।
ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि पिछले वर्ष इजराइल के साथ हुए युद्ध के बाद हिजबुल्लाह काफी कमजोर हो गया है जिसमें उसका अधिकांश शीर्ष नेतृत्व मारा गया था। उन्होंने कहा कि पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के पतन के बाद एक महत्वपूर्ण सहयोगी को खो देने से भी वह कमजोर हुआ है। उनके मुताबिक सीरिया दरअसल ईरान को हथियार भेजने का एक माध्यम था।
ट्रंप ने कहा, “यदि वे ऐसा करते हैं, तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री प्रभावी लेबनानी राज्य का पुनर्निर्माण कर सकते हैं।”
ईरान पर ट्रंप की टिप्पणी बुधवार को सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से उनकी मुलाकात के बाद आई, जो कि एक समय के विद्रोही नेता के साथ आमने-सामने की मुलाकात थी। अल-शरा इराक में पकड़े जाने के बाद कई वर्षों तक अमेरिकी सेना की कैद में रहे थे।
ट्रंप सऊदी अरब में अपने प्रवास के अंत में अल-शरा से मिलने के लिए सहमत हो गए। यहां से उनका कतर जाने का कार्यक्रम है, जहां उन्हें राजकीय सम्मान दिया जाएगा। मध्यपूर्व के अपने दौरे के दौरान वे संयुक्त अरब अमीरात भी जाएंगे।
अल-शरा को जनवरी में सीरिया का राष्ट्रपति नामित किया गया था।
एपी प्रशांत