रणथंभौर में दो लोगों पर हमला करने वाली संदिग्ध बाघिन को बेहोश किया गया
पृथ्वी सुरभि
- 14 May 2025, 09:46 PM
- Updated: 09:46 PM
जयपुर, 14 मई (भाषा) रणथंभौर बाघ अभयारण्य के निकट एक होटल के पास आई बाघिन को अधिकारियों ने बेहोश (ट्रेंक्युलाइज) कर दिया। अधिकारियों को संदेह है कि इसी बाघिन ने हाल में एक बच्चे और वन रेंजर पर हमला किया था।
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ‘कनकटी’ नामक बाघिन रणथंभौर बाघ अभयारण्य के पास स्थित एक होटल की ओर चली गई थी। इससे चिंतित वन अधिकारियों ने उसे बेहोश करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि बाघिन को शुरू में एक बाड़े में रखा जाएगा, उसके बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा।
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के ऐतिहासिक जोगी महल क्षेत्र में रविवार को एक बाघ ने रेंजर देवेंद्र चौधरी पर हमला किया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इससे पहले 16 अप्रैल को अभयारण्य के भीतर त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास बाघ के हमले में सात वर्षीय बालक की मौत हो गई थी।
अधिकारियों को संदेह है कि ये हमले ‘कनकटी’ नामक बाघिन ने किए। ‘एरोहेड’ नामक बाघिन ‘कनकटी’ की मां है। ‘ऐरोहेड’ शिकार करने में असमर्थ है इसलिए वन अधिकारियों ने उसे और उसके शावकों को जोगी महल क्षेत्र के पास भोजन के रूप में शिकार उपलब्ध कराने शुरू किए।
विशेषज्ञों का मानना है कि भोजन डालने के लिए बार-बार पास आने के कारण शावकों में मनुष्यों के प्रति स्वाभाविक सतर्कता खत्म हो गई और वे अब हमले करने लगे हैं।
बाघ अभयारण्य के 10 जोन में से दो में सफारी फिलहाल निलंबित है और एहतियात के तौर पर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है। वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के कारण यह कार्रवाई की गई।
उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह करीब आठ बजे बाघिन को जंगल के पास एक होटल के पास देखा गया, जिससे स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई। किसी भी अवांछित स्थिति से चिंतित वन अधिकारियों ने उसे बेहोश करने का फैसला किया।
बाघ द्वारा इंसानों पर घातक हमलों के मद्देनजर वन विभाग ने मंगलवार को घटनाओं के आसपास की परिस्थितियों की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। अधिकारी यह निर्धारित कर रहे हैं कि क्या हमले अलग-अलग घटनाएं थीं या इस बात का संकेत हैं कि बाघ को मानव शिकार की आदत हो गई है।
बुधवार को एक अधिकारी ने कहा, ‘‘समिति का गठन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया है।’’
बाघिन को बेहोश करके बाड़े में ले जाने पर वन्यजीव विशेषज्ञ दिनेश दुरानी ने कहा कि उसे स्थानांतरित करने से पहले यह सत्यापित करना महत्वपूर्ण है कि क्या यह वही जानवर है जिसने हाल में दो लोगों पर घातक हमला किया।
दुरानी ने कहा कि अगर स्थानांतरण आवश्यक समझा जाता है तो केवल उसी बाघ को स्थानांतरित किया जाना चाहिए जो हमलावर साबित हो। रणथंभौर बाघ अभयारण्य में वयस्क व शावक सहित 72 बाघ हैं।
भाषा पृथ्वी