राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री के संबोधन के बावजूद सवाल अनुत्तरित रहे : पृथ्वीराज चव्हाण
धीरज दिलीप
- 12 May 2025, 10:18 PM
- Updated: 10:18 PM
मुंबई, 12 मई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद राष्ट्र के नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन शब्दाडंबर से भरा हुआ था, लेकिन उसने कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब नहीं दिए।
चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है या नहीं, और न ही शिमला समझौते का कोई जिक्र किया गया।
चव्हाण ने पूछा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को फिर से एक साथ जोड़ दिया है और भारत को पाकिस्तान के समकक्ष मानकर व्यवहार किया है। क्या भारत इस स्थिति को स्वीकार करने के लिए तैयार है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब यदि कोई ताजा आतंकवादी हमला होता है, तो भारत युद्ध शुरू कर देगा, जिसका मतलब है कि कोई भी आतंकवादी आतंकी हमला कर सकता है और युद्ध शुरू हो जाएगा।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी को इस बारे में बात करनी चाहिए थी कि क्या भारत की प्रतिक्रिया ‘कल्पना से परे’ थी, जैसा कि उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद बिहार में वादा किया था।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को ट्रंप के हालिया भाषण पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक भारत और पाकिस्तान युद्ध बंद नहीं करते, तब तक वे उनके साथ व्यापार नहीं करेंगे। चव्हाण ने सवाल किया,‘‘पहलगाम के आतंकवादियों का क्या हुआ? अमेरिकी किससे बात कर रहे थे, राजनीतिक नेतृत्व से, सेना से या नौकरशाहों से।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री का भाषण महज शब्दाडंबर और उन्होंने सवालों का जवाब नहीं दिया।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों के नुकसान के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक या संसद के विशेष सत्र (जैसा कि कांग्रेस मांग कर रही है) के मुद्दे पर भी चुप हैं।
शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सतर्क रहना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की अनुमति न दी जाए।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पड़ोसी देश पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भारत ‘परमाणु ब्लैकमेल’ को बर्दाश्त नहीं करेगा और साथ ही उन्होंने विश्व को यह स्पष्ट संदेश भी दिया कि ‘आतंकवाद एवं व्यापार’ तथा ‘आतंकवाद एवं बातचीत’ साथ -साथ नहीं चल सकते।
भाषा धीरज