भारत के पास है पर्याप्त खाद्यान्न भंडार: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी
राजकुमार अविनाश
- 12 May 2025, 10:05 PM
- Updated: 10:05 PM
(फाइल फोटो के साथ)
हुबली (कर्नाटक), 12 मई (भाषा) आवश्यक वस्तुओं की कमी की आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को कहा कि देश में पर्याप्त खाद्य भंडार है। इसके साथ ही उन्होंने जमाखोरी, कालाबाजारी और कृत्रिम कमी पैदा करने के खिलाफ चेतावनी दी।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के मद्देनजर अफवाहों के कारण नहीं घबराएं और न ही खाद्यान्न खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ लगाएं।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री जोशी ने कहा, ‘‘हमारे पास प्रचुर मात्रा में खाद्यान्न हैं। हमारे पास कम से कम एक से डेढ़ साल के लिए पर्याप्त ‘बफर स्टॉक’ है। हमने अपने विभाग से राज्यों को जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। हमने कृत्रिम कमी पैदा करने के खिलाफ स्पष्ट चेतावनी दी है।’’
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि दालें और खाद्य तेल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं तथा लोगों को किसी भी कारण से भीड़ लगाने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके लिए एक बड़ी व्यवस्था मौजूद है।
उन्होंने कहा, ‘‘चावल, गेहूं और अन्य खाद्यान्नों का हमारा उत्पादन बहुत अधिक है, इसलिए किसी को भी चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि कोई कालाबाजारी जैसी गतिविधियों में लिप्त है, तो राज्य सरकारों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच ‘संघर्षविराम’ लागू है तथा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत अपनी धरती पर भविष्य में होने वाली किसी भी आतंकवादी घटना को ‘युद्धक कार्रवाई’ के रूप में लेगा तथा उसी के अनुसार जवाब देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकवाद को एक अलग गतिविधि नहीं मानेंगे और इसे युद्ध की कार्रवाई मानेंगे।’’
उन्होंने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने हर स्तर पर सर्वदलीय बैठकें बुलाई हैं और समय-समय पर विपक्षी दलों के साथ सूचनाएं साझा की गई हैं। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्रालय विशेष संसद सत्र की मांग और अन्य चीजों पर कुछ टिप्पणी कर सकेगा।
‘संघर्षविराम’ की घोषणा के लिए अमेरिका की ‘‘मध्यस्थता’’ पर विपक्ष की आलोचना के संबंध में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इस संबंध में पहले ही बयान दे दिया है तथा स्पष्ट रूप से कहा है कि यह समझौता पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) द्वारा भारत के डीजीएमओ को की गयी कॉल के बाद हुआ है तथा इसमें कुछ पूर्व शर्तें भी हैं।
भाषा
राजकुमार