अभी घर वापस न जाएं सीमावर्ती गांवों के निवासी, सुरक्षित स्थानों पर रहें: जम्मू-कश्मीर पुलिस
जोहेब नेत्रपाल
- 11 May 2025, 06:27 PM
- Updated: 06:27 PM
श्रीनगर, 11 मई (भाषा) जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने रविवार को सीमावर्ती गांवों के निवासियों से कहा कि वे अपने घरों पर वापस न लौटें, क्योंकि अभी इन क्षेत्रों को साफ किया जाना है और किसी भी अज्ञात गोला-बारूद को हटाना है।
बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिलों में नियंत्रण रेखा के पास के गांवों के 1.25 लाख से अधिक निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था, क्योंकि उनके घरों को पाकिस्तानी गोलाबारी का निशाना बनाए जाने का बहुत अधिक खतरा था।
पुलिस की ओर से जारी एक परामर्श में कहा गया, ‘‘सीमावर्ती गांवों में वापस न लौटें। पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद अज्ञात गोला-बारूद के बिखरे होने से जान जोखिम में पड़ सकती है।’’
परामर्श में कहा गया है कि बम निरोधक दस्तों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा ताकि गांवों को साफ किया जा सके और उन सभी अज्ञात बमों को हटाया जा सके, जिनसे जान का नुकसान हो सकता है।
इसमें कहा गया, ‘‘2023 में नियंत्रण रेखा के पास बचे हुए बमों में विस्फोट होने से 41 लोगों की जान चली गई।’’
परामर्श में निवासियों के गांवों की ओर लौटने के खतरों का उल्लेख किया गया है।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत होने के बाद बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर हमला किया था। तब से लेकर अब तक भारत में 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें सबसे अधिक 18 लोगों की मौत पुंछ में हुई है और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी व सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी थी। हालांकि, कुछ घंटों बाद नयी दिल्ली ने इस्लामाबाद पर इस समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
देर रात संवाददाता सम्मेलन में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तान से इस उल्लंघन को लेकर उचित कदम उठाने तथा स्थिति से ‘‘गंभीरता व जिम्मेदारीपूर्वक’’ निपटने का आह्वान किया था।
भाषा जोहेब