भारत में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार : 2021 एसआरएस रिपोर्ट
प्रशांत पवनेश
- 10 May 2025, 04:23 PM
- Updated: 04:23 PM
नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) भारत में 2014 से 2021 के बीच प्रमुख मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
भारत के महापंजीयक (आरजीआई) द्वारा बुधवार को जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट 2021 के हवाले से बयान में कहा गया कि मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) 2014-16 में प्रति लाख जीवित जन्मों पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गया है।
इसी प्रकार, बाल मृत्यु दर संकेतकों में भी गिरावट का रुझान जारी रहा।
शिशु मृत्युदर वर्ष 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 39 थी जो 2021 में प्रति 1000 जन्म पर घटकर 27 हो गई।
नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 26 थी जो 2021 में प्रति 1000 जन्म पर घटकर 19 आ गई।
इसी तरह पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्म पर 45 थी जो 2021 में प्रति 1000 जन्म पर घटकर 31 हो गई।
जन्म के समय लिंग अनुपात भी बेहतर हुआ है और यह 2014 में 899 से सुधरकर 2021 में 913 हो गया है। कुल प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है, जो 2014 में 2.3 से उल्लेखनीय सुधार है।
एसआरएस 2021 रिपोर्ट के अनुसार, आठ राज्य पहले ही एमएमआर (2030 तक 70 से कम या उसके बराबर) के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) तक पहुंच चुके हैं। केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53) और कर्नाटक (63) शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में शामिल हैं।
मंत्रालय ने बताया कि 12 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही यू5एमआर (2030 तक 25 से कम) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं। इनमें केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू और कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24) और गुजरात (24) शामिल हैं।
बयान में बताया गया कि छह राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही एनएमआर का एसडीजी लक्ष्य (2030 तक 12 से कम) प्राप्त कर चुके हैं। इनमें केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू-कश्मीर (12) और हिमाचल प्रदेश (12)शामिल हैं।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भारत की प्रगति वैश्विक औसत से अधिक है।
मौजूदा संयुक्त राष्ट्र मातृ मृत्यु दर अनुमान अंतर-एजेंसी समूह (यूएन-एमएमईआईजी) रिपोर्ट 2000-2023 के अनुसार, भारत की एमएमआर में 2020 से 2023 तक 23 अंकों की कमी आई है।
बयान में कहा गया कि इस उपलब्धि से, 1990 से 2023 तक पिछले 33 वर्षों में 48 प्रतिशत की वैश्विक कमी की तुलना में भारत की एमएमआर में अब 86 प्रतिशत की कमी आई है।
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