मणिपुर हिंसा के दो साल पूरे होने पर कुकी-जो और मेइती समूहों ने दिल्ली में किया विरोध प्रदर्शन
रवि कांत रवि कांत माधव
- 03 May 2025, 08:03 PM
- Updated: 08:03 PM
नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के दो साल पूरे होने पर कुकी-जो और मेइती समुदाय के सदस्यों ने शनिवार को यहां जंतर-मंतर पर अलग-अलग प्रदर्शन किया। तीन मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी।
काले कपड़े पहने कुकी-जो समुदाय के प्रदर्शनकारियों ने पूर्वोत्तर राज्य में हुई हिंसा में मारे गए लोगों पर शोक व्यक्त किया और अपने समुदाय के लिए एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग दोहराई। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) और कुकी-जो महिला फोरम, दिल्ली (केजेडडब्ल्यूएफडी) द्वारा किया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगें उठाईं, जिनमें सुरक्षा, विस्थापन और न्याय की कमी के बारे में उनकी चिंताओं के कारण कुकी-जो समुदाय के लोगों के लिए एक अलग प्रशासनिक व्यवस्था बनाने की मांग शामिल थी।
दिल्ली स्थित कुकी-जो समुदाय की कार्यकर्ता ग्लैडी वैपे होन्जन ने कहा,‘‘ हम सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि वह हमें कोई समाधान दे, हमें किसी अन्य राज्य के लोगों की तरह सामान्य जीवन जीने दे।’’
उन्होंने कहा कि समुदाय दो साल बाद भी पीड़ित है तथा उसे हिंसा, विस्थापन और विनाश के लिए कोई न्याय नहीं मिला है।
प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर हिंसा में मारे गए और विस्थापित हुए लोगों के लिए एक मिनट का मौन रखा तथा अपने हाथों में तख्तियां थामे हुए थे जिन पर लिखा था, ''स्वतंत्रता का आह्वान: पृथक प्रशासन'' तथा ''न्याय नहीं, तो शांति नहीं''।
इस बीच, सफेद कपड़े पहने मेइती समुदाय के प्रदर्शनकारी दिल्ली मेइती समन्वय समिति के बैनर तले एकत्र हुए। उन्होंने न्याय, पुनर्वास और आंतरिक रूप से विस्थापित सभी लोगों की उनके मूल घरों में सुरक्षित वापसी की मांग की।
उनकी मांगों में सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करना, सशस्त्र अभियान निलंबन समझौते के तहत सशस्त्र समूहों को समर्थन वापस लेना तथा समुदायों को विभाजित करने वाले बफर जोन को हटाना शामिल था।
मणिपुर के चुराचांदपुर के मेइती प्रदर्शनकारी आर के खैदासना ने इस संकट के अपने अनुभव साझा किए।
खैदासना ने कहा, ‘‘ तीन मई 2023 से मैं अपने घर से विस्थापित हो चुका हूं और मैं वापस जाकर बसना चाहता हूं। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि हमें न्याय दिया जाए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ शाम करीब साढ़े चार बजे (तीन मई 2023 को) हमारे इलाके में हिंसा भड़क उठी, घरों में आग लगा दी गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग गए। ’’
दोनों समूहों ने पूर्वोत्तर राज्य में चल रहे जातीय तनाव के दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।
मणिपुर में मई 2023 से इंफाल घाटी स्थित मेइती और आसपास के पहाड़ों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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