पंजाब के युवकों के लिए फर्जी शेंगेन वीजा का इंतजाम करने वाला 'एजेंट' गिरफ्तार
शुभम माधव
- 03 May 2025, 04:40 PM
- Updated: 04:40 PM
नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के 29 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर पंजाब के दो यात्रियों को रोम के रास्ते अवैध रूप से स्वीडन की यात्रा करने के लिए फर्जी 'शेंगेन वीजा' हासिल करने में कथित रूप से मदद करने का आरोप है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अभिनेश सक्सेना को दो यात्रियों को जाली पासपोर्ट देने के आरोप में हिरासत में लिया गया है, जिन्हें दोहा के रास्ते रोम जाने वाली उड़ान में सवार होने का प्रयास करते समय हवाई अड्डे पर रोका गया था।
शेंगेन वीजा यूरोप के कुछ देशों में अल्पावधि के लिए दिया जाता है।
दोनों यात्री अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से लल्ली नामक एजेंट के संपर्क में आए थे, जिसने उनके यात्रा दस्तावेजों और टिकटों की व्यवस्था के लिए कथित तौर पर 31 लाख रुपये की मांग की थी।
उनके निर्देश पर अभिनेश ने दोनों के रवाना होने से पहले दिल्ली के महिपालपुर स्थित एक होटल में फर्जी दस्तावेज पहुंचा दिए।
अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की पहचान 18 वर्षीय तरनवीर सिंह और 20 वर्षीय गगनदीप सिंह के रूप में हुई है और दोनों पंजाब के होशियारपुर के निवासी हैं।
अप्रैल महीने में 21-22 तारीख की मध्य रात्रि को वे आईजीआई हवाई अड्डे पर निकासी के लिए आव्रजन डेस्क पर थे, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (आईजीआई) उषा रंगनानी ने कहा, "जांच के दौरान आव्रजन अधिकारियों ने पाया कि उनके भारतीय पासपोर्ट पर लगे शेंगेन वीजा नकली थे।"
उन्होंने बताया कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पूछताछ के दौरान दोनों ने पुलिस को बताया कि वे रिश्ते के भाई हैं और अपने रिश्तेदारों के पास स्वीडन जाने की कोशिश कर रहे थे।
दोनों ने बताया कि उनके रिश्तेदार बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश में पहले ही वहां (स्वीडन) चले गए थे।
पंजाब में लल्ली का पता लगाने के लिए कई छापे मारे गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। तकनीकी निगरानी से सक्सेना का पता लगाने में मदद मिली, जिसे दिल्ली में एक ठिकाने से गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने कहा, "पूछताछ के दौरान सक्सेना ने अपनी संलिप्तता कबूल कर ली और बताया कि वह 2022 से लल्ली के साथ काम कर रहा था। उसने अवैध रूप से विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए फर्जी वीजा और यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था करने की बात स्वीकार की।"
लल्ली को गिरफ्तार करने और नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।
भाषा
शुभम