कर्नाटक: मंत्री परमेश्वर ने पुलिस अफसर के प्रति मुख्यमंत्री के बर्ताव पर भाजपा को जिम्मेदार ठहराया
सुरभि मनीषा
- 29 Apr 2025, 01:43 PM
- Updated: 01:43 PM
बेंगलुरु, 29 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने मंगलवार को एक जनसभा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं के रवैये पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनके कारण मुख्यमंत्री सिद्धरमैया एक पुलिस अधिकारी पर अपना आपा खो बैठे।
सिद्धरमैया ने कथित तौर पर मंच पर एक पुलिस अधिकारी की ओर अपना हाथ उठाया और तुरंत नीचे भी कर लिया।
जिला मुख्यालय बेलगावी में सोमवार को आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के विरोध में आंदोलन के दौरान जब मुख्यमंत्री वहां मौजूद लोगों को संबोधित करने के लिए खड़े हुए तो कुछ महिलाओं ने सिद्धरमैया को काला झंडा दिखाया। मुख्यमंत्री इस अचानक हुए घटनाक्रम से परेशान हो गए और खराब सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नाराज हो गए।
हंगामे के बीच जैसे ही सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नारायण भरमनी मंच पर चढ़े और मुख्यमंत्री के पास पहुंचे तो उन्होंने कथित तौर पर उनकी ओर हाथ उठाया और तुरंत अपना हाथ नीचे कर लिया। बाद में उन्होंने अधिकारी पर चिल्लाते हुए कहा, ‘‘बेलगावी के एसपी (पुलिस अधीक्षक) कौन है? यहां क्या हो रहा है? आप यहां क्या कर रहे हैं?’’
परमेश्वर ने यहां पत्रकारों से कहा कि उनके पास अखबारों में छपी खबरों के अलावा पूरी जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के नाराज होने के बारे में मेरे पास कोई और जानकारी नहीं है। मैं जानकारी जुटाऊंगा और बाद में इस पर प्रतिक्रिया दूंगा।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘मेरे पास जो प्रारंभिक जानकारी है, वह यह है कि भाजपा की महिला मोर्चा की कुछ कार्यकर्ता कांग्रेस की शॉल ओढ़कर कार्यक्रम स्थल में घुस गईं।’’
जब कांग्रेस के अन्य नेता सभा को संबोधित कर रहे थे तब भाजपा कार्यकर्ताओं ने कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, ‘‘जब मुख्यमंत्री बोलने के लिए खड़े हुए, तो उन्होंने उन्हें काला झंडा दिखाया और प्रदर्शन किया।’’
परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक से यह पता लगाने को कहा है कि क्या कोई चूक हुई है।
भाजपा द्वारा सुरक्षा में चूक के आरोप पर परमेश्वर ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की शॉल पहनकर नहीं, बल्कि अपनी पार्टी की शॉल पहनकर कार्यक्रम स्थल पर आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर वे भाजपा की शॉल पहनकर कार्यक्रम स्थल पर आते, तो पुलिस को पता चल जाता कि सुरक्षा में चूक हुई है।
उन्होंने जानना चाहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की शॉल पहनने का क्या नैतिक अधिकार है? इस घटना ने भाजपा को मुख्यमंत्री पर निशाना साधने का मौका दे दिया।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भाजपा ने कहा, ‘‘ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी पर हाथ उठाना सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है। यह कानून और कर्नाटक के लोगों पर हमला है।’’
पार्टी ने ‘डेथ ऑफ डेमोक्रेसी इन कर्नाटक’ हैशटैग के साथ पोस्ट में कहा, ‘‘यह नेतृत्व नहीं, तानाशाही है - औरंगजेब से कम नहीं। कर्नाटक के लिए काला दिन।’’
भाषा सुरभि