महाराष्ट्र सरकार ने मत्स्यपालन क्षेत्र को कृषि का दर्जा दिया
राजेश राजेश अजय
- 22 Apr 2025, 07:48 PM
- Updated: 07:48 PM
मुंबई, 22 अप्रैल (भाषा) एक महत्वपूर्ण पहल के तहत महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मत्स्य पालन क्षेत्र को कृषि का दर्जा दे दिया। इससे मछुआरों को किसानों के समान सुविधाएं और रियायतें मिल सकेंगी।
इस फैसले से मछुआरों और मछली संरक्षणकर्ताओं को लाभ होगा, जो पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं का दावा कर सकते हैं।
राज्य के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ने मंत्रिमंडल के इस कदम को ‘ऐतिहासिक और क्रांतिकारी’ बताया।
उन्होंने कहा कि इससे 4,83,000 मछुआरे लाभान्वित होंगे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महाराष्ट्र में मत्स्यपालन क्षेत्र में पारंपरिक कृषि की तरह ही पर्याप्त उत्पादन और आय उत्पन्न करने की क्षमता है। कृषि का दर्जा न होने के कारण मछुआरे, एक्वाकल्चर में लगे लोग और मछली पालक कई बुनियादी सुविधाओं और लाभ से वंचित थे।’’
राणे ने कहा कि इस फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी क्योंकि मत्स्य पालन अंशधारकों को विभिन्न बुनियादी सुविधाएं और सब्सिडी मिलने वाली है।
मंत्री ने बताया, ‘‘राज्य के मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। जिस तरह किसानों को बीज, ट्रैक्टर, हल और उर्वरकों के लिए सब्सिडी का लाभ मिलता है, उसी तरह मछुआरों को अब मछली के बीज, चारा, पैडल-व्हील एरेटर और एयर पंप खरीदने के लिए सब्सिडी मिलेगी।.. उन्हें उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किसानों के लिए फसल बीमा की तरह बीमा का दावा करने की अनुमति मिलेगी। सूखे या अत्यधिक बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में, मछुआरों को किसानों को दिए जाने वाले सरकारी राहत पैकेज के समान ही राहत पैकेज मिलेंगे।
राणे ने कहा, ‘‘मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने से तटीय और अंतर्देशीय क्षेत्रों में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आय होगी। चूंकि मछुआरों को अब कृषि किसान के रूप में मान्यता दी गई है, इसलिए उन्हें बिजली शुल्क पर सब्सिडी मिलेगी।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘मछली पालन करने वाले किसान किसान क्रेडिट कार्ड, बैंकों से कृषि-दर ऋण और रियायती कृषि दरों पर बीमा कवरेज के लिए पात्र होंगे।’’
उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र विदेशी मुद्रा आय और देश के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने कहा, ‘‘कृषि की तरह, महाराष्ट्र में मत्स्य पालन क्षेत्र मजबूत उत्पादन और आय उत्पन्न कर सकता है। मछुआरों को बिजली सब्सिडी, किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि दरों पर ऋण, रियायती बीमा और उपकरण सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे मछली उत्पादन में वृद्धि होगी।’’
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