भारत की चिंताओं के बाद पाक और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच अभ्यास की योजना स्थगित
नेत्रपाल माधव
- 18 Apr 2025, 09:43 PM
- Updated: 09:43 PM
(मानस प्रतिम भुइयां)
नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) त्रिंकोमाली के रणनीतिक जलक्षेत्र में पाकिस्तान और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच सैन्य अभ्यास की योजना कुछ सप्ताह पहले स्थगित कर दी गई, क्योंकि नयी दिल्ली ने प्रस्तावित अभ्यास पर कोलंबो के समक्ष चिंता जताई थी। कई सूत्रों ने यह बात कही।
त्रिंकोमाली श्रीलंका के उत्तरपूर्वी तट पर स्थित है और इसे हिंद महासागर क्षेत्र में, विशेष रूप से भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों की नौसेनाओं ने अपने नियमित अभ्यास के अनुरूप त्रिंकोमाली के तट पर अभ्यास करने की योजना बनाई थी।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि भारत द्वारा श्रीलंकाई पक्ष को अभ्यास पर अपनी आशंकाओं से अवगत कराए जाने के बाद यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी।
पाकिस्तान और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच अच्छे संबंध हैं और दोनों देशों के युद्धपोत युद्धाभ्यास के अलावा नियमित रूप से एक-दूसरे के बंदरगाहों पर आते-जाते रहते हैं।
इस योजना के बारे में श्रीलंका या पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
सैन्य विशेषज्ञों ने भारत के लिए त्रिंकोमाली के सामरिक महत्व को समझाते हुए कहा कि इसमें बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर हिंद महासागर के अधिकांश भाग पर प्रभुत्व स्थापित करने की क्षमता है तथा प्रस्तावित अभ्यास पर चिंता जताकर नयी दिल्ली ने सही किया।
इस संबंध में एक विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तानी नौसेना चीनी नौसेना के साथ घनिष्ठ सहयोग में काम करती है और त्रिंकोमाली में पाकिस्तानी युद्धपोतों के किसी भी दौरे को लेकर नयी दिल्ली के पास चिंता के कारण हैं।
अगस्त 2022 में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी मिसाइल एवं उपग्रह निगरानी पोत ‘युआन वांग’ के रुकने से भारत और श्रीलंका के बीच कूटनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था।
अगस्त 2023 में कोलंबो बंदरगाह पर एक अन्य चीनी युद्धपोत के आने पर भी नयी दिल्ली ने आपत्ति जताई थी।
पिछले कुछ वर्षों में भारत त्रिंकोमाली के ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में श्रीलंका को सहायता देने पर ध्यान केंद्रित करता रहा है।
भारत विशेष रूप से त्रिंकोमाली में तेल टैंक फार्म को उन्नत करने पर विचार कर रहा है, जो दुनिया के सबसे बेहतरीन प्राकृतिक बंदरगाहों में से एक है।
इस महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोलंबो यात्रा के दौरान भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने त्रिंकोमाली को एक ‘‘ऊर्जा केन्द्र’’ के रूप में विकसित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका व्यापक उद्देश्य द्वीपीय राष्ट्र को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने और उसके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करना है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के बीच वार्ता के बाद भारत और श्रीलंका ने सैन्य सहयोग को संस्थागत बनाने के लिए एक रक्षा समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
चीन द्वारा इस द्वीपीय राष्ट्र पर प्रभाव बढ़ाने के प्रयास किए जाने से उत्पन्न चिंताओं के बीच भारत, श्रीलंका के साथ अपने समग्र सामरिक संबंधों का विस्तार कर रहा है।
तीन वर्ष पहले भारत ने श्रीलंका को डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान सौंपा था।
यह विमान भारतीय नौसेना के भंडार से श्रीलंका को दिया गया था ताकि देश की तात्कालिक सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिल सके।
भाषा नेत्रपाल