फिक्सिंग के प्रयास: बीसीसीआई ने मुंबई20 लीग टीम के पूर्व मालिक भामराह पर प्रतिबंध लगाया
नमिता आनन्द
- 18 Apr 2025, 09:39 PM
- Updated: 09:39 PM
नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण मिश्रा ने मुंबई टी20 लीग फ्रेंचाइजी के पूर्व सह मालिक गुरमीत सिंह भामराह पर शहर के खिलाड़ियों धवल कुलकर्णी और भाविन ठक्कर से टूर्नामेंट 2019 चरण के दौरान फिक्सिंग के लिए संपर्क करने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
मध्यम गति के गेंदबाज कुलकर्णी ने 12 वनडे और कुछ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है।
भामराह अब बंद हो चुकी जीटी20 कनाडा से भी जुड़े थे और अब मुंबई टी20 लीग का हिस्सा भी नहीं हैं जिसे 2019 चरण के बाद कोविड के कारण निलंबन के बाद इस साल फिर से शुरू किया जा रहा है। वह सोबो सुपरसोनिक्स के सह मालिक थे।
आदेश की प्रति में प्रतिबंध की अवधि नहीं दी गई है लेकिन बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी संहिता (एसीयू) के अनुसार यह पांच साल से लेकर आजीवन प्रतिबंध तक कुछ भी हो सकता है।
बीसीसीआई की एसीयू संहिता के अनुसार, ‘‘जांच पूरी होने पर एसीयू ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की और जिसमें उसने सिफारिश की कि प्रतिवादी पर बीसीसीआई एसीयू के अनुच्छेद 2.1.3, 2.1.4, 2.4.1 के साथ अनुच्छेद 2.5.1 और प्रतिभागियों के लिए अनुच्छेद 2.5.2 के तहत आरोप लगाए जाएं। ’’
इसमें कहा गया, ‘‘एसीयू ने आगे सिफारिश की कि संहिता के अनुच्छेद 4 और अनुच्छेद 5 के प्रावधानों के तहत प्रतिवादी के खिलाफ उचित आदेश पारित किए जा सकते हैं। ’’
बीसीसीआई की एसीयू संहिता के अनुसार अनुच्छेद 2.1.1 या 2.1.2 या 2.1.3 या 2.1.4 के तहत कोई भी अपराध न्यूनतम पांच साल और अधिकतम आजीवन प्रतिबंध का होगा।
आदेश की प्रति में कहा गया है कि सोनू वासन नामक व्यक्ति ने भामराह के कहने पर मैच फिक्स करने के लिए ठक्कर से संपर्क किया था। खिलाड़ियों ने भामराह को ‘पाजी’ कहा।
इसके अनुसार, ‘‘बातचीत की प्रतिलिपि से पता चलता है कि सोनू वासन ने प्रतिवादी की ओर से भाविन ठक्कर को पैसे और अन्य लाभ की पेशकश की। प्रतिवादी की ओर से किए गए पूरे प्रस्ताव को सही ठहराते हुए सोनू वासन ने भाविन ठक्कर से कहा कि इस मामले में वह जो भी फैसला लेना चाहे, वासन उसे प्रतिवादी को बता देंगे। ’’
कुलकर्णी से किए गए संपर्क के बारे में आदेश में केवल यह कहा गया है कि उनका ‘बयान एसीयू द्वारा दर्ज किया गया था’।
भाषा नमिता आनन्द