पुलिस का इस्तेमाल दलों को तोड़ने और पुराने मामलों को खोलने में किया जा रहा : उद्धव
धीरज अविनाश
- 18 Apr 2025, 09:18 PM
- Updated: 09:18 PM
मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को दावा किया कि पुलिस का इस्तेमाल प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों को तोड़ने और उनके खिलाफ पुराने मामलों को खोलने में किया जा रहा है।
ठाकरे ने अपराध संवाददाता प्रभाकर पवार की किताब ‘थरार’ के विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांग की कि पुलिस को काम करने की पूरी आजादी दी जानी चाहिए।
ठाकरे ने कहा,‘‘कांग्रेस के समय (शासनकाल में) पुलिस शिव सैनिकों को कांग्रेस में शामिल होने की धमकी देती थी, अन्यथा उन पर टाडा (आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। वही बात अब हो रही है। पुलिस का इस्तेमाल दलों को तोड़ने या पुराने मामलों को खोलने और प्रतिद्वंद्वी पार्टियों को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। इसकी परकाष्ठा क्या होगी?’’
उन्होंने कहा कि यदि पुलिस राजनीतिक आकाओं के अनुचित आदेश मानेगी तो इससे अराजकता पैदा होगी।
ठाकरे ने शहर में इस सप्ताह पानी की कमी को लेकर शिवसेना (उबाठा) कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस तैनात की गई थी, ताकि वे विरोध प्रदर्शन न कर सकें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि यदि सत्तारूढ़ दल यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करते हैं कि शहर में पानी की कमी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन न हो तो नागरिकों को क्या करना चाहिए?
ठाकरे ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि इस कृत्य में शामिल पुलिसकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन ऐसा करने का आदेश जारी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इस महीने की शुरुआत में, बंबई उच्च न्यायालय ने प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा होने पर, शिंदे की हिरासत में मौत मामले में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया और जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दिया। शिंदे की कथित तौर पर पुलिस वैन में गोली मारकर हत्या की गई थी।
ठाकरे ने याद दिलाया कि पुराने समय का अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला एक बार शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे से मातोश्री में मिलने आया था, लेकिन उन्हें इस मुलाकात के पीछे का कारण पता नहीं था, क्योंकि उस समय वह स्कूल में पढ़ते थे।
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