बीआरएस ने हैदराबाद विवि के निकट पेड़ काटे जाने के संबंध में ‘उल्लंघनों’ की जांच की मांग की
जितेंद्र मनीषा
- 17 Apr 2025, 03:35 PM
- Updated: 03:35 PM
हैदराबाद, 17 अप्रैल (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता केटी रामा राव ने हैदराबाद विश्वविद्यालय से सटी भूमि पर कथित रूप से बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई को लेकर तेलंगाना सरकार पर हमला तेज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार वास्तव में इस मुद्दे को लेकर चिंतित है तो उसे कथित उल्लंघनों और वित्तीय अनियमितताओं की स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए।
रामा राव ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है तो उसे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश या केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) जैसी केंद्रीय एजेंसियों से जांच का आदेश देना चाहिए।
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष रामा राव ने यहां संवाददाताओं से कहा, “अपनी पसंद की जांच एजेंसी चुनें। हम केंद्र सरकार से जवाब मांगते हैं।”
उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति की ओर से, वित्तीय अनियमितताओं के बारे में पहले ही चिंता जताए जाने के बावजूद केंद्र की निष्क्रियता पर सवाल उठाया और स्वतंत्र जांच का समर्थन किया।
रामा राव ने कहा कि समिति ने राय दी है कि विचाराधीन भूमि प्रथम दृष्टया विश्वविद्यालय के स्वामित्व में प्रतीत होती है।
समिति ने उच्चतम न्यायालय से तेलंगाना औद्योगिक अवसंरचना निगम (टीजीआईआईसी) द्वारा भूमि का व्यावसायिक रूप से दोहन करने की आगे की कार्रवाई पर रोक लगाने का भी समर्थन किया।
उन्होंने समिति के हवाले से कहा, “जब तक उच्चतम न्यायालय द्वारा भूमि उपयोग के स्वामित्व और वैधता का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक टीजीआईआईसी द्वारा भूमि को गिरवी रखने, पट्टे पर देने या व्यावसायिक रूप से दोहन करने के लिए जारी या प्रस्तावित सभी कार्रवाइयों पर शीर्ष अदालत द्वारा रोक लगाई जाए ताकि आगे की वित्तीय और कानूनी जटिलताओं को रोका जा सके।”
रामा राव ने समिति के हवाले से कहा, “उल्लंघनों की गंभीरता और संभावित वित्तीय अनियमितता को देखते हुए, किसी विशेष एजेंसी द्वारा स्वतंत्र जांच का आदेश दिया जा सकता है।”
बीआरएस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी अप्रैल के अंत तक इंतजार करेगी और अगर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है तो फिर वह अपने पास मौजूद सबूतों के साथ केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क करेगी।
भाषा जितेंद्र