मध्यप्रदेश के जेलों में बंद कैदियों में 43 प्रतिशत जनजातीय और दलित, 11 फीसदी मुसलमान
ब्रजेन्द्र रंजन
- 08 Apr 2025, 04:30 PM
- Updated: 04:30 PM
(ब्रजेन्द्र नाथ सिंह)
भोपाल, आठ अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद कुल कैदियों में तकरीबन 43 प्रतिशत जनजातीय और दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं जबकि 11 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय से हैं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त एक जानकारी में यह बात सामने आई है।
इसके मुताबिक मध्यप्रदेश में कुल 133 जेल हैं, जिनमें 11 केंद्रीय जेल, 41 जिला जेल, 73 उप जेल और छह खुली जेल हैं।
‘पीटीआई-भाषा’ की ओर से आरटीआई के तहत मांगी गई एक जानकारी में भोपाल स्थित जेल मुख्यालय ने बताया कि दिसंबर 2023 की स्थिति के अनुसार राज्य के विभिन्न जेलों में बंद कुल 44,938 कैदी हैं। इनमें से हिन्दू कैदियों की संख्या 39,811 जबकि 5,127 मुस्लिम समुदाय से हैं ।
आरटीआई में बताया गया है कि 39,811 हिन्दू कैदियों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के 10,448 और अनुसूचित जाति (एससी) के 9,036 कैदी हैं।
साल 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की कुल आबादी में 21.1 प्रतिशत जनजातीय हैं। राज्य में लगभग 24 जनजातियां निवास करती हैं।
जेल मुख्यालय की ओर से बताया गया कि 28 फरवरी 2025 की स्थिति के अनुसार मध्यप्रदेश के 11 केंद्रीय कारागारों में बंद कुल कैदियों की संख्या 24,122 है। इनमें से 22,944 पुरुष और 1,178 महिला कैदी हैं।
केंद्रीय कारागारों में 807 महिलाओं समेत कुल 17,568 दंडित बंदी हैं जबकि 368 महिलाओं समेत 6,428 विचाराधीन हैं। अन्य बंदियों की संख्या 126 है, जिनमें तीन महिलाएं हैं।
प्रदेश स्थित आठ खुली जेलों में बंद कैदियों की कुल संख्या 125 है और ये सभी दंडित बंदी हैं। इनमें एक भी महिला नहीं है।
आरटीआई के अनुसार राज्य के कुल 41 जिला जेलों में बंद कैदियों की संख्या 13,306 है। इनमें 12,669 पुरुष और 637 महिला कैदी हैं। राज्य में कुल 73 सब जेल हैं। इन जेलों में कुल कैदियों की संख्या 6,150 है।
आंकड़े बताते हैं कि 28 फरवरी 2025 तक की स्थिति के अनुसार राज्य के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों की कुल संख्या 43,703 है और इनमें 3,630 महिलाएं हैं जबकि इन जेलों की कुल क्षमता 30,724 कैदियों को रखने की है। इसका अर्थ है कि वर्तमान में इन जेलों में क्षमता से 12,979 अधिक कैदी हैं।
क्षमता से अधिक कैदियों को रखे जाने के मामले में राज्य के केंद्रीय जेलों की स्थिति सबसे खराब है। इन जेलों में 790 महिलाओं सहित 15,176 कैदियों को रखे जाने की क्षमता है लेकिन वर्तमान में इनमें 24,122 कैदी हैं जो कि क्षमता से 8,946 अधिक है। यानी कि राज्य के केंद्रीय जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों का प्रतिशत तकरीबन 59 प्रतिशत है।
राज्य के जिला जेलों में कैदियों की क्षमता 10,009 है लेकिन इनमें 13,306 कैदियों को रखा गया है। इसी प्रकार राज्य के सब जेलों की कैदी क्षमता 5,401 है जबकि इन जलों में बंद कैदियों की संख्या 6,150 है।
भाषा ब्रजेन्द्र