रुपया 38 पैसे टूटकर 85.82 प्रति डॉलर पर
राजेश राजेश अजय
- 07 Apr 2025, 04:33 PM
- Updated: 04:33 PM
मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) ‘शुल्क युद्ध’ बढ़ने और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 38 पैसे लुढ़ककर 85.82 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। यह रुपये में पांच सप्ताह में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और कमजोर डॉलर भी रुपये में नुकसान को रोकने में विफल रहे, क्योंकि विदेशी और घरेलू शेयर बाजार में निवेशकों में धन निकासी की होड़ मची थी।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन द्वारा कई देशों पर व्यापक जवाबी शुल्क और अमेरिकी आयात पर चीन के जवाबी कदम के बाद निवेशकों ने जोखिम से बचने की कोशिश की, जिससे वैश्विक स्तर पर मुद्रा विनिमय बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता का सामना करना पड़ा।
घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर, बाजार प्रतिभागी सतर्क थे क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख ब्याज दरों पर अपना तीन दिवसीय विचार-विमर्श शुरू किया। छह सदस्यीय दर-निर्धारण पैनल का निर्णय बुधवार को घोषित किया जाएगा।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 85.79 पर खुला और दिन के दौरान डॉलर के मुकाबले 85.57 के उच्चतम स्तर और 85.90 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा। सत्र के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 85.82 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 38 पैसे की भारी गिरावट है।
इससे पहले, रुपये में 25 फरवरी को इतनी बड़ी गिरावट देखी गई थी, जब इसमें 47 पैसे की गिरावट आई थी।
शुक्रवार को रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे गिरकर 85.44 पर बंद हुआ, जबकि एक दिन पहले बृहस्पतिवार को करीब 60 देशों पर अमेरिका के जवाबी शुल्क के
कार्यान्वयन के बाद इसमें 22 पैसे की तेजी आई थी।
मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि वैश्विक बाजारों में जोखिम-रहित भावनाओं के कारण रुपये में गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि कमजोर वैश्विक बाजारों और व्यापार शुल्क को लेकर जारी अनिश्चितता के कारण रुपये के नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करने की उम्मीद है।
चौधरी ने कहा, ‘‘एफआईआई द्वारा बिकवाली का दबाव भी रुपये पर भारी पड़ सकता है। हालांकि, कमजोर कच्चे तेल की कीमतें निचले स्तर पर रुपये को सहारा दे सकती हैं। डॉलर-रुपये की हाजिर कीमत 85.50 रुपये से 86.20 रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 102.56 पर कारोबार कर रहा था।
विश्लेषकों ने डॉलर के कमजोर होने का कारण निराशाजनक सेवाओं, पीएमआई आंकड़ों और वैश्विक शुल्क युद्ध के कारण मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताओं को बताया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 3.03 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 63.59 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 2,226.79 अंक गिरकर 73,137.90 अंक पर आ गया, जबकि निफ्टी 742.85 अंक टूटकर 22,161.60 अंक पर बंद हुआ।
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने शुक्रवार को शुद्ध आधार पर 3,483.98 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश