कांग्रेस नेतृत्व ने उपमुख्यमंत्री शिवकुमार से प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रहने को कहा : सूत्र
शफीक रंजन
- 06 Apr 2025, 04:49 PM
- Updated: 04:49 PM
बेंगलुरु, छह अप्रैल (भाषा) कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में सत्ता संघर्ष फिलहाल शांत होता दिख रहा है क्योंकि पार्टी आलाकमान ने उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में बने रहने के लिए कहा है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
शिवकुमार मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ पिछले बृहस्पतिवार और शुक्रवार को नयी दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर थे, जहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बैठक की थी।
यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि शिवकुमार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग उठ रही थी। माना जा रहा है कि सिद्धरमैया खेमे के कई विधायक और मंत्री चाहते हैं कि शिवकुमार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ दें।
वे पार्टी की ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति का सख्ती से पालन करने की मांग कर रहे हैं। चूंकि, शिवकुमार राज्य के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष हैं, इसलिए पार्टी में उनके प्रतिद्वंद्वी उन्हें अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी आलाकमान शिवकुमार को बदलने के पक्ष में नहीं है क्योंकि विधानसभा चुनाव जीतने में, लोकसभा चुनाव के दौरान अच्छे प्रदर्शन में और तीनों विधानसभा उपचुनावों में जीत दर्ज करने में भी उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पार्टी आलाकमान कम से कम इस साल नवंबर और दिसंबर तक शिवकुमार को बदलने के लिए इच्छुक नहीं है।’’
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान मंत्रिमंडल में फेरबदल, विधान पार्षद चुनाव और मंत्रियों तथा विधायकों को मोहपाश में फंसाने (हनी ट्रैप) के प्रयासों पर भी चर्चा हुई।
सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में फेरबदल की अभी कोई संभावना नहीं है।
पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने एमएलसी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन का काम सिद्धरमैया और शिवकुमार पर छोड़ दिया है।
हनी ट्रैप मुद्दे के बारे में कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी इस मुद्दे को उठाए जाने के तरीके से नाखुश हैं।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘राहुल गांधी का मानना था कि इस मुद्दे पर विधानसभा के अंदर चर्चा नहीं होनी चाहिए थी, खासकर सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना द्वारा।’’
राजन्ना ने कर्नाटक विधानसभा के अंदर यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने यहां तक दावा किया कि कम से कम 48 विधायकों को हनी ट्रैप में फंसाने का प्रयास किया गया है।
भाषा शफीक