दिल्ली: शिक्षा मंत्री का फीस बढ़ाने वाले निजी विद्यालयों पर नकेल कसने का वादा
जितेंद्र नरेश
- 07 Apr 2025, 06:26 PM
- Updated: 06:26 PM
नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को कहा कि मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने वाले निजी विद्यालयों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
सूद ने पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर अपने कार्यकाल के दौरान कुछ विद्यालयों द्वारा फीस बढ़ाने के मामले पर आंखें मूंदकर बैठे रहने का आरोप लगाया।
सूद ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे विद्यालयों की एक सूची तैयार की गई है और उनमें से प्रत्येक का निरीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने आश्वासन दिया कि निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। सूद ने कहा कि दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के तहत आने वाले विद्यालयों को फीस में किसी भी तरह की वृद्धि को लागू करने से पहले शिक्षा निदेशालय से अनुमति लेनी होगी।
‘आप’ नेताओं ने हाल ही में कथित फीस बढ़ोतरी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित दिल्ली सरकार पर हमला बोला था।
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा की शह पर कई विद्यालयों ने बिना उचित निगरानी के अपनी ट्यूशन फीस में काफी वृद्धि की है।
इसी तरह, पिछले सप्ताह ‘आप’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को ‘शिक्षा माफिया’ के हवाले कर दिया है और कहा था कि कई निजी विद्यालयों ने फीस में 20 से 82 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है।
सूद ने पूर्व उपमुख्यमंत्री को भाजपा कार्यकाल के दौरान फीस वृद्धि का सबूत पेश करने की चुनौती दी।
उन्होंने कहा, “अगर कोई सबूत पेश किया जाता है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।’’
मंत्री ने हालांकि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कुछ विद्यालयों द्वारा फीस बढ़ाने पर चिंता जताई।
सूद ने दावा किया कि इन मामलों में करोड़ों रुपये की विसंगतियां शामिल थीं लेकिन कोई जांच नहीं की गयी।
उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में शिक्षा विभाग को निजी विद्यालयों से कोई ‘ऑडिट’ रिपोर्ट नहीं मिली, जबकि नियमित ‘ऑडिट’ की कानूनी आवश्यकता है।
मंत्री ने कहा कि लगातार फीस बढ़ोतरी की कई शिकायतें मिलने के बाद हाल ही में द्वारका स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में एक निरीक्षण दल भेजा गया था।
उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम (उपजिलाधिकारियों) को शहर भर के विद्यालयों में निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है और संस्थानों को 18-सूत्रीय प्रश्नावली का जवाब देना होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उपनिदेशक और लेखा निदेशक की एक समिति बनाई गई है।
सूद ने कहा कि विभाग ने एक समर्पित ईमेल आईडी भी बनाई है, जहां अभिभावक मनमानी फीस वृद्धि के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
भाषा जितेंद्र