प्रधानमंत्री को परिसीमन प्रक्रिया पर तमिलनाडु की आशंकाओं को दूर करना चाहिए: स्टालिन
अमित नरेश
- 06 Apr 2025, 06:12 PM
- Updated: 06:12 PM
उधगमंडलम (तमिलनाडु), छह अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को लेकर राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए।
स्टालिन ने यहां एक आधिकारिक कार्यक्रम में कहा कि मोदी को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद में एक प्रस्ताव पारित किया जाए ताकि तमिलनाडु के अधिकारों पर अंकुश न लगे।
यहां लोकप्रिय पर्यटन स्थल के लिए कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने और नयी योजनाओं की घोषणा करने के बाद स्टालिन ने कहा कि उन्होंने प्रस्तावित परिसीमन से जुड़ी चिंताओं पर ज्ञापन सौंपने के लिए प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है।
स्टालिन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमने परिसीमन पर ज्ञापन प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा है। चूंकि मैं इस सरकारी समारोह में भाग ले रहा हूं, इसलिए मैंने उन्हें उनकी सभा में भाग लेने में असमर्थता से अवगत करा दिया है। मैंने इस कार्य (मोदी की सभा में शामिल होने) के लिए अपने मंत्रियों-- टी थेन्नारसु और राजा कन्नप्पन को भेजा है। इस सभा के माध्यम से मैं प्रधानमंत्री से परिसीमन की आशंकाओं को दूर करने का अनुरोध करता हूं।’’
स्टालिन रविवार को मोदी के तमिलनाडु के रामेश्वरम दौरे का जिक्र कर रहे थे, जहां प्रधानमंत्री ने नये पंबन पुल का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको (मोदी को) यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इस संबंध में संसद में एक प्रस्ताव पारित हो। इससे (परिसीमन से) न केवल संसदीय सीट में कमी आएगी, बल्कि इसके बारे में पूछना हमारा अधिकार भी है। साथ ही यह हमारे भविष्य के लिए चिंता का विषय भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुडुचेरी को मिलाकर 40 संसदीय सीट होंगी। लेकिन (केंद्र में) सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार परिसीमन के जरिये हमारी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।’’
स्टालिन ने कहा कि निष्पक्ष परिसीमन पर संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक 22 मार्च को चेन्नई में आयोजित की गई थी जिसमें देशभर से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख नेताओं ने भाग लिया था।
स्टालिन ने सभा को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी को स्पष्ट गारंटी देनी चाहिए कि तमिलनाडु और अन्य राज्य, जिन्होंने जनसंख्या वृद्धि को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया है, आगामी परिसीमन प्रक्रिया में दंडित नहीं किए जाएंगे।
स्टालिन ने कहा, ‘‘प्रतिशत के लिहाज से उनकी (तमिलनाडु की) संसदीय सीटों की हिस्सेदारी अपरिवर्तित रहेगी। उन्हें यह वादा सार्वजनिक रूप से करना चाहिए, तमिलनाडु के लोगों के मन में भय को दूर करना चाहिए और संसद में संविधान संशोधन के जरिए इसे आगे बढ़ाना चाहिए। निष्पक्ष परिसीमन सुनिश्चित करने का यही एकमात्र तरीका है।’’
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु परिसीमन प्रक्रिया का विरोध करने वाला एकमात्र राज्य था जिसने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य के संसदीय प्रतिनिधित्व को कम करने की साजिश रची है। उन्होंने चेतावनी दी, ‘‘अगर (वर्तमान स्वरूप में परिसीमन) मूर्त रूप लेता है तो इससे संसद में राज्य को भारी नुकसान होगा।’’
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों ने संसद में परिसीमन मुद्दे, कथित तौर पर हिंदी थोपे जाने तथा तमिलनाडु को धन आवंटन के मुद्दे पर चिंता जतायी है।
इससे पहले स्टालिन ने जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 700 बिस्तरों वाली एक नयी स्वास्थ्य इकाई का उद्घाटन और निरीक्षण किया जिसे 143.69 करोड़ रुपये के खर्च से बनाया गया है।
उन्होंने स्वीकार किया कि उधगमंडलम जैसे पहाड़ी क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इस परियोजना को वास्तविकता बनाने के लिए उन्होंने मंत्री ई वी वेलु (लोक निर्माण मंत्री) के प्रयासों को श्रेय दिया।
राज्य की पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार पर निशाना साधते हुए स्टालिन ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री (ई के पलानीस्वामी) ने एक अस्पताल स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन इसे वर्तमान सरकार के दौरान ही मूर्त रूप दिया जा सका।
यहां के अपने दौरे के दौरान स्टालिन ने उधगमंडलम के लिए कई परियोजनाओं की घोषणा भी की जिसमें एक बहु-स्तरीय कार पार्किंग सुविधा, 'हॉप-ऑन, हॉप-ऑफ' पर्यटक बस सुविधा शामिल है।
भाषा अमित