भारत ने कभी तलवार के बल पर शासन नहीं किया : योगी आदित्यनाथ
आनन्द शफीक
- 04 Apr 2025, 08:14 PM
- Updated: 08:14 PM
सिद्धार्थनगर (उप्र), चार अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि इतिहास साक्षी है कि भारत ने कभी तलवार के बल पर शासन नहीं किया।
सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली का उद्घाटन करने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि यह पावन धरा दुनिया को करुणा और मैत्री का संदेश देती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास साक्षी है कि भारत ने कभी तलवार के बल पर शासन नहीं किया।’’
योगी ने सिद्धार्थनगर के ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि राजकुमार सिद्धार्थ का बचपन यहीं बीता था और ज्ञान प्राप्त करने के बाद वह गौतम बुद्ध कहलाए।
उन्होंने कहा बौद्ध धर्म ने करुणा और मैत्री के बल पर दुनिया को आकर्षित किया, न कि तलवार के दम पर।
शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली के उद्घाटन पर सभी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की परंपरा ने हमेशा ज्ञान की आराधना की है।
उन्होंने कहा, ‘‘चारों ओर से आने वाली ज्ञान की धारा को ग्रहण करना प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। समाज के प्रबुद्ध वर्ग और सज्जन शक्ति को इसके लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए।’’
योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देश हर क्षेत्र में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है तथा विरासत एवं विकास का बेहतर समन्वय ही कल्याणकारी जीवन की कुंजी है।
आदित्यनाथ ने कहा कि भारत अब दुनिया का पिछलग्गू नहीं, बल्कि पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह नया भारत अपनी ताकत और सौहार्द का अहसास करा रहा है। भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि वह बल, बुद्धि और वैभव में कितना भी मजबूत हो, मगर जबरन किसी पर न तो आधिपत्य स्थापित करेगा, ना ही किसी का आधिपत्य स्वीकार करेगा।’’
योगी ने कहा कि भगवान राम ने माता सीता को खोजते हुए लंका पर विजय प्राप्त की, लेकिन वहां का राज्य विभीषण को सौंप दिया। इसी तरह किष्किंधा में श्रीराम ने बाली का वध कर सुग्रीव का राज्याभिषेक किया।
मुख्यमंत्री ने 2014 से पहले के समय को याद करते हुए कहा कि तब कुछ लोग राम और कृष्ण को मिथक बताते थे और भारतीय परंपरा को अपमानित करना अपना अधिकार समझते थे, लेकिन 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने अपनी विरासत और विकास के समन्वय से नई ऊंचाई को छुआ है।
उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ गलियारा, मथुरा-वृंदावन और प्रयागराज जैसे धार्मिक स्थलों का कायाकल्प इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ ज्ञानस्थली का पहला सत्र शुरू हो चुका है, जिसमें अबतक 150 छात्रों ने पंजीकरण कराया है।
भाषा आनन्द