तमिलनाडु के नीट विरोधी विधेयक को मंजूरी नहीं देना ‘काला अध्याय’: स्टालिन
जितेंद्र संतोष
- 04 Apr 2025, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
चेन्नई, चार अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट की मांग करने वाले विधानसभा के प्रस्ताव को केंद्र द्वारा नामंजूर किया जाना ‘संघवाद के लिहाज से एक काला अध्याय’ है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था लेकिन इसे नामंजूर कर दिया गया।
विपक्षी ‘ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम’ (अन्नाद्रमुक) ने नीट के मुद्दे को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की आलोचना की और सत्तारूढ़ पार्टी पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया।
अन्नाद्रमुक ने कहा कि मुख्यमंत्री का ‘नीट नाटक समाप्त हो गया है’ और स्टालिन को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की चुनौती दी।
उन्होंने विधानसभा में कहा कि नीट को समाप्त करने के लिए सरकार अपना संघर्ष जारी रखेगी। स्टालिन ने इस संबंध में नौ अप्रैल को विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाने की घोषणा की।
स्टालिन ने राज्य विधानसभा को केंद्र के फैसले के बारे में सूचित करते हुए इस कदम पर निराशा व्यक्त की और कहा कि ‘‘यह नामंजूरी संघवाद के लिहाज से एक काला अध्याय है।’’
विधेयक में 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अनुमति देने का प्रस्ताव था।
इस विधेयक को 2021 में तमिलनाडु विधानसभा में पारित किया गया था और राज्यपाल आरएन रवि की शुरुआती आपत्तियों के बाद अगले वर्ष इसे फिर मंजूरी दी गयी थी।
स्टालिन ने सदन को ताजा घटनाक्रम की जानकारी देते हुए केंद्र पर तमिलनाडु के लोगों की इच्छा और विधानसभा विधेयक की अवहेलना करने का आरोप लगाया।
स्टालिन ने कहा, “तमिलनाडु सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से सभी आवश्यक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के बावजूद, केंद्र सरकार ने नीट से छूट के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।”
स्टालिन ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, “नीट के क्रियान्वयन के कारण गरीब और ग्रामीण छात्रों का चिकित्सक बनने का सपना पहुंच से बाहर हो गया है। इससे भविष्य में राज्य के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित होंगी।”
विपक्ष के नेता और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के प्रमुख ईके पलानीस्वामी ने मुख्यमंत्री स्टालिन पर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि गुमराह करने के लिए लोग 2026 के विधानसभा चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को करारा जवाब देंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा, “द्रमुक 2021 में नीट को रद्द करने का वादा करके सत्ता में आई थी। उस समय उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि उन्हें नीट को रद्द करने का राज पता है। लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया। अब मुख्यमंत्री ने नीट पर सर्वदलीय बैठक की घोषणा की है। द्रमुक कब तक लोगों को गुमराह करेगी।”
भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा कि द्रमुक सरकार का नीट ‘नाटक’ समाप्त हो गया है और इसमें अब कोई ‘अध्याय नहीं बचा’।
अन्नामलाई ने कहा कि राज्य को छूट देने संबंधी विधेयक को जब तक मंजूरी नहीं मिलती, तब तक वे (द्रमुक) राज्यपाल या राष्ट्रपति पर दोष मढ़ सकते थे लेकिन अब कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि राष्ट्रपति ने विधेयक को खारिज कर दिया और कहा है कि छूट मांगने के लिए दिए गए कारण स्वीकार्य नहीं थे।
उन्होंने कहा कि इसलिए मुख्यमंत्री का नीट नाटक आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है।
अन्नामलाई ने कहा,“मैं उनसे एक नया नाटक शुरू करने का अनुरोध करता हूं और जिसके लिए वे एक सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे। मैं मुख्यमंत्री को उच्चतम न्यायालय जाने की चुनौती देता हूं।”
भाषा जितेंद्र