सड़कों गलियों में खड़े पेड़ों का जीवन आसान नहीं होता
(द कन्वरसेशन) नरेश देवेंद्र
- 04 Apr 2025, 07:14 PM
- Updated: 07:14 PM
(ग्रेगरी मूर, मेलबर्न विश्वविद्यालय)
मेलबर्न, चार अप्रैल (द कन्वरसेशन) सड़कों पर खड़े पेड़ आमतौर पर खराब मिट्टी में उगते हैं, उनको अपनी जड़ों को फैलाने के लिए बहुत कम जगह मिलती है। इन्हें शायद ही कभी पानी दिया जाता है और अक्सर सड़क प्राधिकरण या अन्य कंपनियों द्वारा आक्रामक तरीके से उनकी छंटाई कर दी जाती है।
अगर वे मजबूती से अपनी जड़ों को जमा भी लेते हैं तो भी कई ऐसे पेड़ वाहनों से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, या बड़ी इमारतों की स्थायी छाया में बढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे पेड़ न केवल जीवित रहते हैं, बल्कि पनपते भी हैं। तो आइए इन प्रजातियों में से एक से मिलें: पीला गम, (नीलगिरी ल्यूकोक्सीलॉन)।
सुंदर लेकिन मजबूत
येलो गम दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में सड़कों के किनारे लगाए जाने वाले पेड़ों के रूप में व्यापक तौर पर लगाया जाता है। कुछ उपनगरों और कस्बों में यह इतना आम है कि लोग इसे एक देशी पेड़ समझते हैं।
इसे युकेलिप्टस मेलियोडोरा ना समझ लें जो पूरी तरह से एक अलग यूकेलिप्टस है।
येलो गम को व्यापक रूप से सड़कों पर लगाया गया है क्योंकि यह शहरी पेड़ों पर हमारी कई मांगों को पूरा करता है।
यह विभिन्न मिट्टी और जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ता है, और इसमें बहुत ही आकर्षक लाल, सफेद या गुलाबी फूल होते हैं।
इसे विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स के कुछ हिस्सों में येलो गम कहा जाता है, लेकिन अक्सर इसे ब्लू गम के नाम से जाना जाता है।
आम नाम भ्रामक हो सकते हैं, लेकिन येलो गम इसकी पीली लकड़ी और छाल के पैच को संदर्भित करता है, जबकि ब्लू गम इसकी पत्तियों को संदर्भित करता है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बहुत बड़ा नहीं होता है। यह आमतौर पर 13 से 16 मीटर ऊंचा होता है (लेकिन यह जंगल में और भी बड़ा हो सकता है)।
विभिन्न पक्षी और कीट प्रजातियां इन पेड़ों पर भोजन करती हैं, कुछ इसके फूल और फल खाते हैं और अन्य पत्ते खाते हैं।
येलो गम की प्राकृतिक आबादी तटीय और अंतर्देशीय दक्षिण-पूर्व में, न्यू साउथ वेल्स के दक्षिण-पश्चिमी कोने में और विक्टोरिया के पश्चिमी आधे भाग में मरे नदी से तट तक पाई जाती है।
इसकी कई उप-प्रजातियां भी हैं, और वनस्पति विज्ञान तथा बागवानी के क्षेत्र में इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि क्या उनमें से कुछ को मूल प्रजाति के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।
कई बागवानी विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में येलो गम के अच्छे प्रदर्शन की संभावना है। उदाहरण के लिए, शोध से पता चला है कि कुछ येलो गम के पेड़ अपने पानी के उपयोग को बेहतर तरीके से नियंत्रित करते हैं।
कई यूकेलिप्टस की तरह, येलो गम में बहुत सारी निष्क्रिय कलियां और एक लिग्नोट्यूबर होते हैं। इसका मतलब है कि यह छंटाई के बाद अच्छी तरह फले फूलेगा।
हर किसी को पसंद नहीं
हर कोई येलो गम पसंद नहीं करता, और कुछ अच्छे कारणों से।
कुछ येलो गम पेड़ में कई तने होते हैं, जबकि अन्य में मुड़े हुए और घुमावदार तने होते हैं; कुछ में दोनों होते हैं। ये वे विशेषताएं नहीं हैं जो कई स्थानीय सरकारें सड़क के पेड़ों में चाहती हैं; प्रशासन सीधे तने और घनी छतरियों वाले पेड़ों को अधिक पसंद करते हैं।
ये समस्याएं इतनी परेशान करने वाली हो सकती हैं कि पेड़ों की देखभाल करने वाले कुछ विशेषज्ञ अब येलो गम के पौधे लगाने की सलाह नहीं देते।
लेकिन ये समस्याएं पेड़ों के खराब चयन और प्रसार के कारण हैं। पेड़ों के चयन में समय और धन के सही निवेश से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
कुल मिलाकर, येलो गम एक बहुत बढ़िया और उपयोगी शहरी पेड़ हो सकता है।
यह प्रजाति अच्छी तरह से बढ़ती है और यदि बेहतर स्टॉक का उपयोग किया जाता है, तो पेड़ सीधे और आकर्षक तने तथा चौड़ी, घनी छतरियों के साथ विकसित होते हैं।
ये आमतौर पर मध्यम आकार के पेड़ होते हैं, सड़कों की कठिन स्थितियों या घरों के आगे या पीछे के आंगन में अच्छी तरह से लगाए जा सकते हैं।
(द कन्वरसेशन) नरेश