सरकारी खरीद शुरू होने के बीच सरसों सहित अन्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार
राजेश राजेश अजय
- 25 Mar 2025, 09:22 PM
- Updated: 09:22 PM
नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) हरियाणा से सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद शुरू होने के बाद देश के तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को सरसों की अगुवाई में मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तिलहन और बिनौला तेल के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए जबकि कमजोर कारोबार के बीच सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) तथा पामोलीन तेल के थोक दाम गिरावट के साथ बंद हुए।
मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात सुधार दर्शाता बंद हुआ था और अभी वहां सुधार चल रहा है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि हरियाणा की मंडियों से हाफेड और नेफेड जैसी सहकारी संस्थाओं द्वारा सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी-5,950 रुपये क्विंटल) पर खरीद का समाचार है। इससे हाजिर मंडियों में सरसों के दाम में सुधार आया है जिससे आगे दाम के और सुधरने की उम्मीद है। इस सुधार के बावजूद अब भी सरसों का हाजिर दाम एमएसपी से 4-5 प्रतिशत कम यानी 5,650-5,700 रुपये क्विंटल है।
उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद शुरू होने के बाद किसानों को काफी समर्थन मिला है।
सूत्रों ने कहा कि इस बीच, सरकार ने सरसों, एवं सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन रिफाइंड और सीपीओ के वायदा कारोबार पर 31 मार्च, 2025 तक लगे प्रतिबंध की समयसीमा को बढ़ाकर 31 मार्च, 2026 कर दिया है जिससे तेल-तिलहन व्यापारी, किसान सभी खुश हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध स्थायी रूप से लगा दिया जाना चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि आवक कम रहने से मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में भी सुधार देखने को मिला। वैसे अब भी मूंगफली का हाजिर बाजार का भाव एमएसपी से लगभग 14-15 प्रतिशत कम ही है। इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि तेल संयंत्रों की खरीद और नीचे भाव पर कम बिकवाली के कारण सोयाबीन तिलहन में सुधार आया। लेकिन हाजिर दाम एमएसपी से काफी कम है और किसानों की लागत निकलने में मुश्किल हो रही है। वहीं दूसरी ओर, पैसों की तंगी की वजह से आयात लागत से कम दाम पर बिकवाली करने की मजबूरी के कारण सोयाबीन तेल कीमतों में गिरावट दर्ज हुई।
सूत्रों ने कहा कि उपलब्धता कम रहने के बीच बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया। जबकि मलेशिया एक्सचेंज की गिरावट की वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम गिरावट दर्शाते बंद हुए। पाम-पामोलीन का दाम ऊंचा है और इस भाव पर लिवाल मिलना मुश्किल है। ऊंचे दाम के कारण देश में इसका आयात कम हुआ है जिसकी कमी को पूरा किस तेल से किया जायेगा, इसे देखा जाना बाकी है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 6,075-6,175 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 5,750-6,075 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,525 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल - 2,260-2,560 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,330-2,430 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,330-2,455 रुपये प्रति टिन।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,625 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,150 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,200-4,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 3,900-3,950 रुपये प्रति क्विंटल।
भाषा राजेश राजेश