लोकसभा में शून्यकाल में उठे किसानों, मनरेगा मजदूरों और मानव-पशु संघर्ष के मुद्दे
सुभाष वैभव
- 12 Mar 2025, 07:13 PM
- Updated: 07:13 PM
नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) लोकसभा में बुधवार को देश में किसानों की स्थिति, मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं और परिसीमन आदि मुद्दे उठाए गए और केंद्र सरकार से आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई।
सदन में शून्य काल में राष्ट्रीय जनता दल के अभय कुमार सिन्हा ने किसानों की स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि हाल में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने एक सवाल के जवाब मे बताया था कि देश में 18 करोड़ 81 लाख किसानों पर 32 लाख 35,000 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि कृषि बजट में पर्याप्त वृद्धि कर किसानों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान की जाए तथा छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाए।
शून्यकाल में ही कांग्रेस के कुलदीप इंदौरा ने अपने संसदीय क्षेत्र गंगानगर (राजस्थान) का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां मनरेगा के भुगतान में विलंब के कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मनरेगा मजूदरों को दिहाड़ी 266 रूपये के बजाय, 100 रुपये से लेकर 150 रूपये तक ही भुगतान किया जाता है।’’ उन्होंने इसे बढ़ाकर 500 रूपये करने और समय पर भुगतान किये जाने की मांग की।
भाजपा के जर्नादन मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान भारत कार्ड धारकों को अस्पताल में हुए खर्च का कोई प्रमाण चिकित्सा संस्थान द्वारा नहीं दिया जाता।
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि चिकित्सा में हुए खर्च की जानकारी मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिलने के समय दिये जाने का प्रावधान किया जाए।
केरल कांग्रेस के सांसद के. फ्रांसिस जॉर्ज ने शून्यकाल में राज्य (केरल) में मानव-पशु संघर्ष में कमी लाने के लिए 1972 के वन्यजीव सुरक्षा अधिनिम में संशोधन कर राज्य को अधिक शक्तियां देने की मांग की।
भाजपा के अनूप बाल्मिकी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र हाथरस (उत्तर प्रदेश) में 40 गांवों के खारे पानी से प्रभावित होने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इस कारण महिलाओं को काफी दूर से पेयजल लाना पड़ता है। उन्होंने इन गांवों में शीघ्र स्वच्छ जल उपलब्ध कराने की मांग की।
कांग्रेस के उम्मेदा राम बेनीवाल ने दावा किया कि देश में कई जगहों पर एमबीबीएस छात्रों को योग्य मेडिकल शिक्षकों के बजाय नॉन क्लिनिकल व्यक्तियों द्वारा पढ़ाया जा रहा है और बुनियादी ढांचे की कमी है, इस कारण छात्रों को यूट्यूब आदि पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के नीरज मौर्य ने उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष की जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने दोनों पर चुनाव सीधे जनता द्वारा कराये जाने की भी मांग की।
भाजपा के मनीष जायसवाल ने अपने निर्वाचन क्षेत्र हजारीबाग में बड़कागांव और केड़ाडारी में खनन गतिविधियों के कारण विस्थापित हुए लोगों की अधिग्रहीत जमीन का दोगुना मुआवजा देने की मांग की।
सपा के पुष्पेंद्र सरोज ने भी शून्यकाल में ‘ओपीएस’ (पुरानी पेंशन योजना) को तुरंत बहाल करने और इसमें अर्द्धसैनिक बलों, रेलवे और सभी सरकारी कर्मचारियों को शामिल करने की मांग की।
द्रमुक सांसद वी. कलानिधि ने परिसीमन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस सरकार के 15 साल के शासनकाल में जनगणना नहीं कराई गई।
भाजपा के मनोज तिग्गा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र अलीपुरद्वार (पश्चिम बंगाल) में हिंदुओं के घर जला दिये जाने की घटनाओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
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