कांग्रेस नेता सतीशन का जॉर्डन से भारतीय का शव लाने का खर्च वहन करने का केंद्र से आग्रह
अमित शोभना
- 06 Mar 2025, 03:50 PM
- Updated: 03:50 PM
तिरुवनंतपुरम, छह मार्च (भाषा) केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि केंद्र सरकार जॉर्डन से उस भारतीय के शव को वापस लाने का खर्च वहन करे जिसे गोली मारी गई थी।
सतीशन ने सरकार से आग्रह किया कि वह जॉर्डन स्थित भारतीय दूतावास को निर्देश दे कि वह गैब्रियल के शव को यहां भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाए। एनी थॉमस गैब्रियल यहां के निकट थुम्बा का रहने वाला था।
सतीशन ने कहा, ‘‘शोक संतप्त परिवार को उसके शव को यहां लाने का कुछ खर्च वहन करने को कहा गया है। हालांकि, वे दुख में हैं और इन खर्चों को वहन करने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं।’’
उन्होंने जयशंकर से अनुरोध किया कि वे जॉर्डन में भारतीय दूतावास को निर्देश दें कि वह गैब्रियल के शव को समय से केरल भेजने के वास्ते आवश्यक वित्तीय सहायता दे।
कांग्रेस नेता सतीशन ने गैब्रियल की मौत की भी जांच की मांग की, जो पर्यटक वीजा पर जॉर्डन गया था। उन्होंने कहा कि गैब्रियल की पत्नी ने उन्हें बताया है कि उसका पति वैध पर्यटक वीजा पर जॉर्डन में था और उसके पास कानूनी तौर पर तीन महीने का प्रवास परमिट था।
सतीशन ने कहा, ‘‘इसके बावजूद, कथित तौर पर उसे अवैध तरीके से गोलीबारी में मार डाला गया। इससे गंभीर चिंता उत्पन्न होती है, जिसके लिए जांच की आवश्यकता है।’’
गैब्रियल के परिवार ने रविवार को कहा था कि उन्हें एक मार्च को भारतीय दूतावास से एक ईमेल मिला जिसमें गैब्रियल की मौत की पुष्टि की गई थी।
घटना कथित तौर पर 10 फरवरी को हुई थी, जब जॉर्डन के सैनिकों ने सीमा पर गोलीबारी की थी।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, गैब्रियल के रिश्तेदार एडिसन को भी गोली लगी थी, लेकिन वह बच गया और वह घायल अवस्था में घर लौट आया है।
खबरों के अनुसार, गैब्रियल और एडिसन उस चार सदस्यीय समूह का हिस्सा थे, जो एक एजेंट की मदद से जॉर्डन से इजराइल की सीमा पार करने की कोशिश कर रहा था। चारों तीन महीने के यात्रा वीजा पर जॉर्डन पहुंचे थे।
खबरों के अनुसार, जॉर्डन की सेना ने उन्हें सीमा पर रोका लेकिन जब वे भागने की कोशिश कर रहे थे तो सैनिकों ने गोलियां चलायीं। गैब्रियल को कथित तौर पर सिर में गोली लगी जबकि एडिसन का पैर चोटिल हो गया और उसे जॉर्डन की सेना के अस्पताल ले जाया गया। उपचार के बाद उसे भारत वापस भेज दिया गया।
भाषा अमित