एस्सार समूह के सह-संस्थापक शशि रुइया का निधन
निहारिका मनीषा
- 26 Nov 2024, 01:38 PM
- Updated: 01:38 PM
(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) छोटे से निर्माण व्यवसाय को एक बुनियादी ढांचा समूह में बदलने वाले उद्यमी शशिकांत रुइया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे।
उन्हें प्यार से शशि रुइया बुलाया जाता था। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर एस्सार समूह की स्थापना की थी। रुइया अगले महीने 81 वर्ष के होने वाले थे।
रुइया का निधन मुंबई में देर रात को हुआ। वे करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा कर लौटे थे।
रुइया परिवार ने बयान में कहा, ‘‘ अत्यंत दुःख के साथ हम रुइया एवं एस्सार परिवार के संरक्षक श्री शशिकांत रुइया के निधन की सूचना दे रहे हैं।’’
शशि रुइया के परिवार में उनकी पत्नी मंजू और दो बेटे प्रशांत तथा अंशुमान हैं।
उद्योगपति शशि ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपनी व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक ‘आउटर ब्रेकवाटर’ (लहरों, तूफान आदि से सुरक्षा के लिए तटीय क्षेत्र में निर्मित स्थायी संरचना) का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद समूह ने इस्पात, तेल शोधन, अन्वेषण तथा उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
एस्सार ने शुरुआती वर्षों में निर्माण व इंजीनियरिंग परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया और कई पुल, बांध और बिजली संयंत्र बनाए। 1980 के दशक में एस्सार समूह तेल तथा गैस परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के साथ ऊर्जा क्षेत्र में विविधता ले आया।
रुइया बंधुओं द्वारा सह-स्थापित व्यवसायों की देखरेख करने वाला एस्सार ग्लोबल फंड लिमिटेड आज बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, धातु और खनन, प्रौद्योगिकी और सेवाओं जैसे क्षेत्रों में परिसंपत्तियों का प्रबंधन करता है।
एस्सार समूह की वेबसाइट के अनुसार, ये विभिन्न कंपनियां 14 अरब अमेरिकी डॉलर का संयुक्त राजस्व उत्पन्न करती हैं।
रुइया परिवार की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘ समुदाय के उत्थान तथा परोपकार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ उन्होंने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया और एक स्थायी असर छोड़ा। उनकी विनम्रता, गर्मजोशी और हर किसी से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें वास्तव में एक असाधारण शख्सियत बनाया।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रुइया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह उद्योग जगत की महान हस्ती थे। ‘‘दूरदर्शी नेतृत्व और उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने भारत के कारोबारी परिदृश्य को बदल दिया। उनका निधन बेहद दुखद है।’’
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ उन्होंने नवाचार व विकास के लिए उच्च मानक स्थापित किए। उनके पास हमेशा कई विचार होते थे.. वह हमेशा इस बात पर चर्चा करते थे कि हम अपने देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं।’’
रुइया ने राष्ट्रीय तथा उद्योग संगठनों में कई प्रमुख पदों पर काम किया। वे ‘फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ (फिक्की) की प्रबंध समिति के सदस्य थे। भारत-अमेरिका संयुक्त व्यापार परिषद के चेयरमैन के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दीं। वे भारतीय राष्ट्रीय जहाज़ मालिक संघ (आईएनएसए) के पूर्व अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के भारत-अमेरिका सीईओ फोरम तथा भारत-जापान व्यापार परिषद के सदस्य भी थे।
भाषा निहारिका