ईडी ने हिमाचल के सहायक औषधि नियंत्रक, अन्य व्यक्तियों के परिसरों में छापेमारी की
सुरभि सुभाष
- 22 Jun 2025, 04:02 PM
- Updated: 04:02 PM
नयी दिल्ली/शिमला, 22 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिश्वत एवं ‘‘राजनीतिक संरक्षण’’ के आरोपों से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत रविवार को हिमाचल प्रदेश के एक सहायक औषधि नियंत्रक (एडीसी), उनके परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य के परिसरों में छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई वर्तमान में धर्मशाला के एडीसी के रूप में तैनात निशांत सरीन, उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और एक कथित सहयोगी कोमल खन्ना के अलावा कुछ अन्य के खिलाफ की गई।
हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पांच आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों की तलाशी ली गई।
ईडी सूत्रों ने बताया कि जांच, बद्दी (सोलन जिले) में एडीसी के रूप में सरीन के तैनात रहने के दौरान और अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान आधिकारिक पद के ‘‘दुरुपयोग’’ से संबंधित है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी सरीन के खिलाफ ‘‘राजनीतिक संरक्षण और जबरन वसूली एवं रिश्वत की शिकायतों’’ के आरोपों के अलावा इस मामले में अपराध से अर्जित आय की भी जांच कर रही है।
ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी के लिए सरीन या उनके कानूनी प्रतिनिधियों से तुरंत संपर्क नहीं हो सका।
औषधि नियंत्रक का कार्यालय हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सुरक्षा और विनियमन निदेशालय का हिस्सा है।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज धन शोधन का मामला अगस्त, 2019 में हिमाचल प्रदेश पुलिस के राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा सरीन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से सामने आया है।
सूत्रों ने कहा कि राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उन्हें सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया और बाद में खन्ना के अलावा उनके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया। सरीन को उस वर्ष अक्टूबर में जमानत मिल गई थी और 2024 में उन्हें धर्मशाला के एडीसी के रूप में तैनात किया गया था।
हिमाचल पुलिस की जांच के दौरान सरीन पर राज्य के औषधि निर्माण केंद्र बद्दी में स्थित दवा कंपनियों से रिश्वत लेने के आरोप लगे थे।
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