मुठभेड़ में मारा गया नक्सली छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल में रसोइये का काम करता था: पुलिस
प्रीति प्रशांत
- 22 Jun 2025, 04:02 PM
- Updated: 04:02 PM
बीजापुर, 22 जून (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में इस महीने की शुरुआत में नक्सल रोधी अभियान के दौरान मारे गए सात नक्सलियों में से एक सरकारी स्कूल में रसोइये का काम करता था। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि अपराधी की पहचान महेश कोडियाम के रूप में हुई है, जो फरसेगढ़ पुलिस थाने के अंतर्गत इरपागुट्टा गांव का निवासी है।
बीजापुर के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में चार जून से सात जून के बीच चलाए गए नक्सल रोधी अभियान के दौरान हुई कई मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम ने सात नक्सलियों को मार गिराया था।
अभियान के दौरान माओवादियों की केंद्रीय समिति का सदस्य नरसिंह चालम उर्फ सुधाकर तथा माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति का विशेष क्षेत्रीय समिति का सदस्य भास्कर उर्फ मेलारापु अडेलु को भी मार गिराया गया था।
छत्तीसगढ़ में सुधाकर पर 40 लाख रुपये का इनाम था जबकि भास्कर उर्फ मेलारापु अडेलु पर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 45 लाख रुपये का इनाम था।
पुलिस ने पांच माओवादियों में से एक की पहचान महेश कोडियाम के रूप में की थी और कहा था कि वह माओवादियों की राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र समिति के पार्टी सदस्य के रूप में सक्रिय था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम था।
बीजापुर पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘बाद में पता चला कि कोडियाम इरपागुट्टा गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक रसोइये के रूप में काम कर रहा था। गांव की स्कूल प्रबंधन समिति ने उसे नियुक्त किया था और उसे मार्च 2025 तक इस काम के लिए पारिश्रमिक दिया जा रहा था।’’
इसमें कहा गया, ‘‘इस बात की जांच की जा रही है कि कोडियाम का किन परिस्थितियों में सुधाकर और भास्कर जैसे वरिष्ठ माओवादी नेताओं से संपर्क हुआ। मामले के सभी पहलुओं की गहन और निष्पक्ष जांच की जा रही है।’’
इरपागुट्टा के कुछ ग्रामीणों ने शनिवार को एक संवाददाता से बातीचत के दौरान दावा किया कि कोडियाम का उग्रवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है और वह गांव के एक स्कूल में मध्याह्न भोजन तैयार करने के लिए रसोइए के रूप में काम कर रहा था तथा इसके लिए उसे पारिश्रमिक भी मिल रहा था।
ग्रामीणों ने बताया कि कोडियाम के परिवार में उनकी पत्नी और सात बच्चे हैं।
भाषा प्रीति