पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने आम उत्पादकों की दुर्दशा पर प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र
जितेंद्र नरेश
- 22 Jun 2025, 07:30 PM
- Updated: 07:30 PM
बेंगलुरु, 22 जून (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्युलर (जदएस) सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आम की खराब पैदावार, कीमतों में गिरावट और अंतरराज्यीय व्यापार में व्यवधान के कारण कर्नाटक के किसानों को हो रहे भारी नुकसान का सामना करने में मदद करने की मांग को लेकर एक पत्र लिखा।
गौड़ा ने मोदी को लिखे एक पत्र में कहा कि देश में बागवानी का प्रमुख केंद्र कर्नाटक, खासकर आम के उत्पादन में भारी संकट का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु ग्रामीण, शहरी, चिक्काबल्लापुरा, कोलार और रामनगर जैसे जिलों में 1.39 लाख हेक्टेयर में आम की खेती की जाती है, जिसमें रबी सत्र के दौरान आठ लाख से 10 लाख टन उत्पादन होने की उम्मीद है।
हालांकि, इस वर्ष प्रतिकूल मौसम और बीमारी के कारण उत्पादन में 70 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।
उन्होंने कहा, “मई व जून के बीच स्थिति उस समय और खराब हो गई, जब बाजार में आम की आवक बढ़ गई, जिससे आम की कीमतें 12,000 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई, जो खेती की लागत 5,466 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम है।”
कई छोटे और सीमांत किसान अब अपनी लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं, जिस वजह से वे संकट में हैं और कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश द्वारा अपने चित्तूर जिले में तोतापुरी आमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के कारण कर्नाटक की सीमा पर उत्पादकों को होने वाले अतिरिक्त नुकसान पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने लिखा, “इस अंतरराज्यीय प्रतिबंध ने आपूर्ति को बाधित किया है और फसल तोड़ने के बाद के नुकसान को बढ़ा दिया है।”
देवेगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने प्रतिबंध को वापस लेने की मांग करते हुए आंध्र प्रदेश के अपने समकक्षों के साथ इस मामले को उठाया है।
उन्होंने स्थिति को गंभीर बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि वह तुरंत राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को मूल्य में कमी के चलते नुकसान के भुगतान और बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत आम की खरीद शुरू करने का निर्देश दें।
पूर्व प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि उचित मूल्य सुनिश्चित करने व ग्रामीण संकट को रोकने के लिए किसानों से सीधे और किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से खरीद की जानी चाहिए।
जदएस प्रमुख ने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार कर्नाटक में आम किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए समय पर सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी इसी तरह का पत्र लिखा।
भाषा जितेंद्र