मणिपुर: कुकी-जो समुदाय के 12 मृतकों का अंतिम संस्कार पांच दिसंबर को चुराचांदपुर में किया जाएगा
नोमान संतोष
- 01 Dec 2024, 04:11 PM
- Updated: 04:11 PM
चुराचांदपुर, एक दिसंबर (भाषा) मणिपुर के जिरीबाम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 लोगों सहित कुकी-जो समुदाय के 12 मृतकों का अंतिम संस्कार पांच दिसंबर को चुराचांदपुर जिले में किया जाएगा। समुदाय के एक प्रमुख संगठन ने यह जानकारी दी।
‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने शनिवार को आपात बैठक की जिसके बाद यह घोषणा की गई।
इससे पहले, आईटीएलएफ ने निर्णय लिया था कि कुकी-जो युवकों का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके परिवारों को नहीं सौंप दी जाती।
आईटीएलएफ ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट की फोरेंसिक और कानूनी विशेषज्ञों द्वारा एक साथ जांच की गई। विशेषज्ञों के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट संतोषजनक है।”
हालांकि, संगठन ने कहा कि वह मृतक लोगों से संबंधित कानूनी मामलों को आगे बढ़ाता रहेगा।
इसने कहा , “हमारे 12 शहीदों को पांच दिसंबर 2024 को अत्यंत सम्मान और आदर के साथ दफन किया जाएगा। शोकसभा तुइबुओंग के ‘पीस ग्राउंड’ में होगी।”
आईटीएलएफ ने यह भी निर्णय लिया कि दफन के दिन एक विशाल मौन रैली का आयोजन किया जाएगा।
आईटीएलएफ सचिव मुआन तोम्बिंग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “12 मृतकों में से 10 सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए। अन्य दो कुकी युवकों को मेइती उग्रवादियों ने उस समय मार डाला, जब वे अपने परिवारों से मिलने गए थे।”
असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) में उन 10 कुकी-जो लोगों का पोस्टमार्टम किया गया, जिनके बारे में आईटीएलएफ ने दावा किया था कि वे गांव के स्वयंसेवक थे, जबकि मणिपुर सरकार ने दावा किया था कि वे उग्रवादी हैं।
तोम्बिंग ने बताया कि अन्य दो युवकों में से एक का पोस्टमार्टम आइजोल में किया गया, जबकि शेष एक का पोस्टमार्टम एसएमसीएच में किया गया।
आईटीएलएफ ने घोषणा की कि मृतक युवकों के सम्मान में पांच दिसंबर को पूर्ण बंद रहेगा तथा छात्र समूहों से रैली के लिए तख्तियां और बैनर की व्यवस्था करने को कहा।
पिछले साल मई से इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती समुदाय और पास की पहाड़ियों पर रहने वाले कुकी-जो समुदाय के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं जबकि हजारों लोग बेघर हुए हैं।
भाषा नोमान