सिंगापुर के उद्यमी मणिपुरी महिलाओं को गुड़िया बनाने, उत्पाद बेचने में कर रहे मदद
प्रीति सुभाष
- 30 Nov 2024, 05:02 PM
- Updated: 05:02 PM
इंफाल, 30 नवंबर (भाषा) सिंगापुर में रहने वाले एक मणिपुरी उद्यमी राहत-शिविरों में रह रहीं विस्थापित महिलाओं को वैश्विक बाजार के लिए गुड़िया बनाने में मदद कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर के इस राज्य में महिलाओं को एक टिकाऊ आजीविका प्रदान करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
सिंगापुर में एक प्रौद्योगिकी कंपनी संचालित करने वाले मोनीश करम ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पिछले वर्ष मई में अचानक हिंसा शुरू होने के बाद, हमने देखा कि हजारों लोग बेघर हो गए और राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो गए, जहां उनके पास आजीविका का कोई स्त्रोत नहीं था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद, हम प्रभावित लोगों के लिए कुछ स्थायी समाधान तलाशना चाहते थे। बहुत विचार-विमर्श किए जाने के बाद हमने फैसला किया कि विस्थापित लोगों के लिए कौशल-उन्मुख कार्यक्रम की शुरुआत करना अच्छा रहेगा ताकि उन्हें आजीविका चलाने में मदद मिल सके।’’
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातकोत्तर करम ने कहा, ‘‘मैंने अपनी बेटी की हथेली के आकार की ‘क्रोशिया’ से बनी गुड़िया देखी और इसी से प्ररेणा लेकर मैंने मणिपुर की महिलाओं को भी ऐसी ही गुड़िया बनाने का कौशल प्रदान किया क्योंकि वे हस्तशिल्प और हथकरघा वस्तुओं को बनाने में महारात रखती हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी गुड़ियां बनवाना चाहते हैं, जो सामान्य हो और उन्हें मणिपुर के बाहर भी बेचा जा सके तथा उससे मिलने वाले पैसे से विस्थापित महिलाओं एवं उनके परिवारों का वित्तपोषण किया जा सके।’’
करम ने बताया कि उनकी टीम ने विस्थापित महिलाओं को मोमबत्तियां, धूपबत्ती और वाशिंग पाउडर बनाने का काम करते देखा, लेकिन वे तैयार उत्पादों को नहीं बेच पाती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ये गुड़ियां महज गुड़ियां नहीं हैं। हमारा मानना है कि यह कहानी कहने का माध्यम हैं।’’
इस परियोजना का नाम ‘प्रोजेक्ट स्टिचिंग होप’ रखा गया है, जो करम की प्रौद्योगिकी कंपनी के उपसमूह ‘वन मिलियन हीरोज’ द्वारा संचालित की जा रही है।
करम ने बताया कि वह बहुत खुश हुए, जब भारतीय सेना के एक उच्च पदस्थ अधिकारी की पत्नी ने काफी संख्या में गुड़िया खरीदी और बाद में उन्हें अपने परिचितों को बेचा तथा उन्हें मणिपुर की हिंसा प्रभावित महिलाओं द्वारा बनाई गई एक अनूठी वस्तु के रूप में प्रदर्शित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (सेना के अधिकारी की पत्नी ने) बाद में हमें बिक्री से प्राप्त पैसा भेजा और फिर हमने उसे विस्थापित महिलाओं को दे दिया। उन्होंने मणिपुर की महिलाओं की मदद करने के उद्देश्य से बहुत सारी गुड़िया खरीदी थी।’’
भाषा प्रीति