जो चौकीदार 2019 में उनके लिये ‘चोर’ था, वह 2024 आते-आते ‘ईमानदार’ हो गया: मोदी का विपक्ष पर तंज
ब्रजेन्द्र दिलीप
- 29 Nov 2024, 07:29 PM
- Updated: 07:29 PM
भुवनेश्वर, 29 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों पर सत्ता हासिल करने के लिए देश को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि ‘सत्ता के भूखे’ ये लोग जनता से सिर्फ झूठ बोलते आए हैं।
उन्होंने इस क्रम में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राफेल विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस की ओर से चलाए गए ‘चौकीदार चोर है’ अभियान का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो ‘चौकीदार’ 2019 में उनके लिए ‘चोर’ था, वह साल 2024 आते-आते ‘ईमानदार’ हो गया और अब वे एक बार भी चौकीदार को चोर नहीं बोल पाते।
उन्होंने कहा, ‘‘इनका (विपक्ष का) मकसद सिर्फ यही है कि किसी तरह देश की जनता को गुमराह करने के लिये सत्ता पर कब्जा किया जाए, ताकि देश को लूटा जा सके।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि लगातार हो रही चुनावी हार ने विपक्षी दलों के भीतर इतना गुस्सा भर दिया है कि वे अब देश के खिलाफ ‘साजिश’ करने में जुट गए हैं और अपना गुस्सा जनता पर ही निकालने लगे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओडिशा इकाई की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी झूठ और अफवाह की दुकान 50-60 साल से चल रही है। अब उन्होंने इस अभियान को और तेज कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इनका मकसद सिर्फ यही है कि किसी तरह देश की जनता को गुमराह करने के लिये सत्ता पर कब्जा किया जाए, ताकि देश को लूटा जा सके।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सत्ता के भूखे ये लोग जनता से सिर्फ झूठ बोलते आए हैं। जब इनका एक झूठ लोगों पर काम नहीं करता, तो उससे बड़ा दूसरा झूठ ये गढ़ते हैं। ये अपने कार्यकर्ताओं को भी झूठा दिलासा देने के लिए यही करते हैं।’’
उन्होंने विपक्ष के कारनामों को बहुत बड़ी चुनौती करार दिया और देशवासियों से हर पल सतर्क और जागरूक रहने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने पार्टी कार्यकर्ताओं में विश्वास भर दिया है और यही भाजपा की विशेषता और उसके कार्यकर्ताओं का सामर्थ्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘विपक्षी दल भाजपा सरकार के खिलाफ सुबह शाम दुष्प्रचार करते रहते हैं। लेकिन जनता भाजपा सरकार के कामों को देखकर उन्हें आशीर्वाद देने खुद मैदान में दौड़ पड़ती है।’’
ओडिशा विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इसके कुछ महीने पहले तक बड़े-बड़े राजनीतिक विशेषज्ञ भाजपा को पूरी तरह से खारिज कर रहे थे और दावा कर रहे थे कि इस पूर्वी राज्य में भाजपा इतनी बड़ी ताकत नहीं हो सकती कि वह अपने बूते सरकार बना ले।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब परिणाम आए, तो सारे के सारे लोग...जो अपने आप को तीसमारखां मानते थे, सब के सब हैरान हो गए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा के लोगों ने भाजपा के केंद्र सरकार के कामों को देखा और दिल्ली में बैठे रहने के बावजूद उन्होंने यहां के लोगों के साथ अपनेपन का नाता रखा।
उन्होंने कहा, ‘‘10 साल में ओडिशा के गांव-गांव और घर-घर में यह बात पहुंच चुकी थी। जब राज्य में हमारी सरकार भी नहीं थी, हमारी योजनाओं के नाम भी बदल दिए जाते थे, फिर भी ओडिशा के विकास के लिए पूरी लगन और ईमानदारी से हम लगातार काम करते रहे। भारत सरकार के मंत्रिपरिषद में आज जितना प्रतिनिधित्व ओडिशा का है, वह पहले कभी नहीं रहा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने ओडिशा को केंद्र से मिलने वाले बजट को तीन गुणा किया, नई-नई योजनाएं चलाईं और हर वर्ग व समाज की समान भाव से सेवा की।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए ओडिशा की जनता भाजपा की नीति और कार्यशैली को जान सकी। उनके मन में भाजपा को लेकर विश्वास पैदा हुआ और फिर दिल खोलकर उन्होंने भाजपा को अशीर्वाद दिया।’’
उन्होंने कहा कि यह भाव इतना मजबूत हो गया था कि भाषा भी कभी इसमें रुकावट नहीं बनी।
मोदी ने कहा कि दुनिया में भारत का प्रभाव 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद कई गुना अधिक हो गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में नीतिगत विरोध बहुत स्वाभाविक है, लेकिन पिछले कुछ समय से एक बहुत बड़ा बदलाव यह हुआ है कि भारत के संविधान की भावनाओं को कुचल दिया जाता है और लोकतंत्र की सारी मान-मर्यादाओं को अस्वीकार किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जो लोग सत्ता को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं, उनके पास केंद्र की सत्ता पिछले एक दशक से नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब देश की जनता किसी और को आशीर्वाद दे, इसका गुस्सा उन्हें देश की जनता पर भी है। इस स्थिति ने उनके अंदर इतना गुस्सा भर दिया है कि वो देश के खिलाफ साजिश करने में जुटे हैं। ये लोग अपना गुस्सा जनता पर ही निकालने लगे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज केंद्र की भाजपा सरकार ओडिशा के गौरव को बड़ी प्राथमिकता दे रही है और वह इस राज्य को देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के नक्शे पर लाना चाहती है।
भाषा
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