एसआईटी ने तिरुपति लड्डू में मिलावटी घी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच शुरू की
राजकुमार अविनाश
- 29 Nov 2024, 06:25 PM
- Updated: 06:25 PM
तिरुपति (आंध प्रदेश), 29 नवंबर (भाषा) पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान तिरुमला पहाड़ी पर स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद (लड्डू) बनाने में मिलावटी घी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। आंध्र प्रदेश पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उच्चतम न्यायालय ने तिरुपति लड्डू बनाने में पशु वसा के उपयोग के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था। उसके बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने इस माह के आरंभ में पांच अधिकारियों की एक समिति गठित की। समिति में दो अधिकारी इस केंद्रीय एजेंसी से, दो आंध्र प्रदेश पुलिस से और एक भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से हैं।
आंध्र प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं एसआईटी सदस्य सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा, ‘‘ जांच शुरू हो गयी है।’’ उन्होंने इससे ज्यादा कुछ नहीं बताया।
इस घटनाक्रम के करीबी सूत्रों ने कहा कि एसआईटी ने यहां एक कार्यालय स्थापित किया है और अपना कामकाज शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि जांच के तहत एसआईटी ने पिछली सरकार के दौरान तिरुमला तिरुपति देवस्थानम द्वारा खरीदे गये घी के रिकार्ड और गुणवत्ता को स्वीकार करने एवं वस्तु प्राप्त करने की प्रक्रिया का सत्यापन किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले कहा था कि एसआईटी जांच तिरुपति-पूर्व थाने में इस मुद्दे पर राज्य सरकार द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर आधारित होगी।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और वाईएसआरसीपी के राज्यसभा सदस्य वाईवी सुब्बा रेड्डी सहित कई याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने चार अक्टूबर को अपने आदेश में कहा कि लड्डू (तिरुमाला मंदिर का पवित्र प्रसाद) बनाने में पशु वसा के इस्तेमाल के आरोप की एसआईटी द्वारा की जाने वाली जांच की निगरानी सीबीआई निदेशक करेंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर में दावा किया था कि राज्य में वाई एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डू तैयार करने में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था, जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने नायडू पर राजनीतिक फायदे के लिए ‘घृणित आरोप’ लगाने का आरोप लगाया था।
भाषा राजकुमार