देश में चिकित्सक और जनसंख्या का अनुपात विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से बेहतर: नड्डा
वैभव माधव
- 29 Nov 2024, 05:34 PM
- Updated: 05:34 PM
नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि देश में 811 लोगों के लिए एक चिकित्सक की उपलब्धता है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के 1:1000 के मानक अनुपात से बेहतर है।
उन्होंने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नवंबर 2024 की स्थिति के अनुसार राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के साथ 13,86,145 एलोपैथिक डॉक्टर पंजीकृत हैं।
नड्डा ने कहा, ‘‘पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता और लगभग 6.14 लाख आयुष डॉक्टरों की संख्या को देखते हुए देश में चिकित्सक-जनसंख्या का अनुपात लगभग 1:811 है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के 1:1000 के मानक से बेहतर है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि की है और इसके बाद एमबीबीएस सीटों में भी वृद्धि की है।
मंत्री ने कहा कि 2014 में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी जिसमें 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब इनकी संख्या 780 हो गई है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 2014 से पहले से लेकर अब तक 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) योजना के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉकों के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के तहत, कुल 75 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 69 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
नड्डा ने कहा कि नए एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 22 एम्स को मंजूरी दी गई है और इनमें से 19 में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू हो चुके हैं। इसके अलावा, संकाय की कमी को दूर करने के लिए नियुक्ति के नाते डीएनबी योग्यता को मान्यता दी गई है।
उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों/डीन/प्राचार्य/निदेशक के पदों पर नियुक्ति/विस्तार/पुनर्नियुक्ति के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 70 वर्ष की गई है।
भाषा वैभव