रूस के रक्षा मंत्री उत्तर कोरिया पहुंचे, सैन्य अधिकारियों और नेताओं से बातचीत करेंगे
एपी संतोष अविनाश
- 29 Nov 2024, 03:57 PM
- Updated: 03:57 PM
सियोल, 29 नवंबर (एपी) रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव सैन्य अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के साथ वार्ता के लिए शुक्रवार को उत्तर कोरिया पहुंचे। रूस के रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
रूस की समाचार एजेंसी ‘तास’ ने मंत्रालय के हवाले से दी गई अपनी खबर में हालांकि यह नहीं बताया कि बेलौसोव किससे मिलेंगे या बातचीत का उद्देश्य क्या है। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया ने इस यात्रा की पुष्टि नहीं की है।
पूर्व अर्थशास्त्री बेलौसोव ने मई में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में पांचवां कार्यकाल शुरू करने के बाद रक्षा मंत्री के रूप में सर्गेई शोइगू का स्थान लिया था।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई तस्वीरों में बेलौसोव को उत्तर कोरियाई रक्षा मंत्री नो क्वांग चोल के साथ प्योंगयांग हवाई अड्डे पर ‘रेड कार्पेट’ पर चलते हुए दिखाया गया है। उत्तर कोरियाई सैन्य अधिकारियों को एक बैनर के तले ताली बजाते देखा गया, जिस पर लिखा था, ‘‘लड़ रही रूस की सेना और उसके लोगों के प्रति पूर्ण समर्थन और एकजुटता।’’
बेलौसोव ने अपने आगमन के बाद कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का विस्तार हो रहा है। उन्होंने प्योंगयांग में जून की बैठक के बाद पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन द्वारा हस्ताक्षरित रणनीतिक साझेदारी समझौते की सराहना की, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में ‘शक्ति संतुलन’ बनाए रखना और युद्ध के जोखिम को कम करना है।
उत्तर कोरियाई रक्षा मंत्री नो ने भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच बढ़ते सहयोग की प्रशंसा की और यूक्रेन में रूस के युद्ध के प्रति उत्तर कोरिया के समर्थन को दोहराया। नो ने इसे ‘देश के संप्रभु अधिकारों और सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए न्यायपूर्ण संघर्ष’ करार दिया।
बेलौसोव की यह यात्रा दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल द्वारा रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव के नेतृत्व में यूक्रेन के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसमें येओल ने दोनों देशों से उत्तर कोरिया द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सहायता के लिए हजारों सैनिकों को रूस भेजने पर जवाबी कदम की तैयारी का आह्वान किया था।
अमेरिका और उसके सहयोगियों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने हाल में 10,000 से अधिक सैनिक रूस भेजे हैं और उनमें से कुछ सैनिक युद्ध में शामिल हो चुके हैं।
उत्तर कोरिया पर रूस को हथियार प्रणाली, मिसाइल और अन्य सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करने का भी आरोप है, जो रूसी राष्ट्रपति पुतिन को लगभग तीन साल से जारी युद्ध को और आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।
दक्षिण कोरिया में यह भी चिंता जताई गई कि उत्तर कोरिया अपने सैनिकों और हथियारों की आपूर्ति के बदले रूस से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्राप्त कर सकता है, जो नेता किम जोंग उन के परमाणु हथियारों और मिसाइल कार्यक्रम द्वारा उत्पन्न खतरे को बढ़ा सकता है।
येओल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिन वॉनसिक ने पिछले सप्ताह एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि सियोल का मानना है कि रूस ने उत्तर कोरिया के सैनिक भेजने के बदले उसे वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली प्रदान की है।
शिन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि रूस ने उत्तर कोरिया को आर्थिक सहायता और विभिन्न सैन्य प्रौद्योगिकियां दी हैं, जिनमें विश्वसनीय अंतरिक्ष-आधारित निगरानी प्रणाली बनाने के उत्तर कोरिया के प्रयासों के लिए आवश्यक तकनीकें भी शामिल हैं। इन तकनीक पर किम ने जोर दिया है क्योंकि यह दक्षिण कोरिया को लक्ष्य करके परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइलों के खतरे को बढ़ाने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं।
वर्ष 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से दक्षिण कोरिया मॉस्को के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रतिबंधों में शामिल हो गया है और उसने कीव को मानवीय और वित्तीय सहायता प्रदान की है। लेकिन इसने संघर्षों में सक्रिय रूप से शामिल देशों को घातक हथियार न देने की दीर्घकालिक नीति का हवाला देते हुए सीधे हथियारों की आपूर्ति करने से परहेज किया है।
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरियाई नेता किम रूसी रक्षा मंत्री से मिलेंगे या नहीं।
एपी संतोष