सेबी ने तकनीकी व्यवधान के दौरान कारोबार सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए
प्रेम प्रेम रमण
- 28 Nov 2024, 08:34 PM
- Updated: 08:34 PM
नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने तकनीकी व्यवधान के समय निर्बाध कारोबार सुनिश्चित करने के लिए बृहस्पतिवार को कुछ कदम उठाने की घोषणा की। ये कदम शेयर बाजारों में इक्विटी, डेरिवेटिव और मुद्रा बाजार जैसे खंडों में लेनदेन के लिए हैं।
इन उपायों का उद्देश्य शेयर बाजारों में कारोबारी निरंतरता और आपदा वसूली व्यवस्था को मजबूत बनाना है। ये कदम नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू होंगे।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि एकल स्टॉक डेरिवेटिव और इंडेक्स डेरिवेटिव जैसे समान या संबद्ध उत्पादों के लिए प्रतिभागी तकनीकी व्यवधान के समय किसी अन्य एक्सचेंज पर अपनी स्थिति को भुना सकते हैं। ऐसी स्थितियों के लिए मार्जिन को समायोजित किया जाएगा।
इसके अलावा एक्सचेंजों को व्यवधान के दौरान निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक एक्सचेंज पर विशेष रूप से सूचीबद्ध स्टॉक या डेरिवेटिव के लिए ‘रिजर्व कॉन्ट्रैक्ट’ बनाना चाहिए।
इसके अलावा सेबी ने कहा कि संबद्ध इंडेक्स डेरिवेटिव की कमी वाले शेयर बाजारों को ऐसे सूचकांक बनाने और हेजिंग यानी जोखिम से बचाव का विकल्प देने के लिए संबंधित अनुबंध शुरू करने पर विचार करना चाहिए।
तकनीकी व्यवधान से प्रभावित होने वाले शेयर बाजार को गड़बड़ी के 75 मिनट के भीतर सेबी और वैकल्पिक एक्सचेंज को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर वैकल्पिक एक्सचेंज अपनी निरंतरता योजना लागू कर देगा।
शुरुआत में एनएसई और बीएसई एक-दूसरे के लिए वैकल्पिक कारोबार स्थल के रूप में काम करेंगे। दोनों ही एक्सचेंज संयुक्त रूप से एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेंगे जिसमें जिम्मेदारियों, प्रक्रियाओं और आवश्यक सिस्टम अपडेट की रूपरेखा होगी। उन्हें 60 दिनों के भीतर एसओपी की जानकारी सेबी को देनी होगी।
निवेशकों की सुरक्षा को बढ़ाना और अप्रत्याशित व्यवधानों के दौरान बाजारों के सुचारू संचालन को बनाए रखना है।
भाषा प्रेम प्रेम