मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीता नीरवा ने चार शावकों को जन्म दिया
दिमो राजकुमार
- 25 Nov 2024, 10:03 PM
- Updated: 10:03 PM
भोपाल, 25 नवंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में चीता नीरवा ने चार शावकों को जन्म दिया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चीता नीरवा के आगमन से उस परियोजना को बढ़ावा मिलेगा, जिसके तहत दशकों पहले भारत से विलुप्त हो चुकी एक प्रजाति को फिर से बसाया जा रहा है।
इससे पहले, केएनपी में 17 चीता शावकों का जन्म हो चुका है। केएनपी में दो साल से अधिक समय पहले पृथ्वी पर सबसे तेज गति से चलने वाले इस जानवर को नामीबिया से लाया गया था। इनमें से 12 शावकों के जीवित रहने के बाद, चीतों की संख्या पिछली बार 24 बताई गई थी। चार और शावकों के जन्म के साथ शावकों संख्या 16 हो गई है।
शाम को एक्स पर एक पोस्ट में यादव ने कहा, "आज चीता परियोजना को बड़ी सफलता मिली है। मध्यप्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता नीरवा ने चार शावकों को जन्म दिया है, जो न केवल राज्य बल्कि देश के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।"
उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए चीता परियोजना में शामिल वन विभाग के कर्मियों की सराहना की।
दोपहर में वन विभाग ने केएनपी में चीता शावकों के जन्म की सूचना दी थी, लेकिन उनकी सही संख्या नहीं बताई थी।
मध्यप्रदेश वन विभाग ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, "कुनो से अच्छी खबर है। श्योपुर जिले में स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता नीरवा ने शावकों को जन्म दिया है। "
पिछले महीने, मुख्यमंत्री ने जानकारी साझा की थी कि पार्क में एक मादा चीता गर्भवती है और जल्द ही शावकों को जन्म देने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिकार के कारण भारत में विलुप्त होने के सात दशक बाद, चीतों के दुनिया के पहले अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण के हिस्से के रूप में आठ नामीबियाई चीतों - पांच मादा और तीन नर - को 17 सितंबर, 2022 को केएनपी में बाड़ों में छोड़ा।
फरवरी 2023 में, देश में चीतों को फिर से पेश करने की केंद्र सरकार की परियोजना के हिस्से के रूप में दक्षिण अफ्रीका से एक दर्जन से अधिक चीतों को राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था।
भाषा दिमो