चीन की यात्रा के दौरान किसी ऋण समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किये जायेंगे: ओली
देवेंद्र प्रशांत
- 25 Nov 2024, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
(शिरीष बी. प्रधान)
(तस्वीर के साथ)
काठमांडू, 25 नवंबर (भाषा) नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार को कहा कि चीन की उनकी आगामी यात्रा के दौरान ऋण के संबंध में कोई समझौता नहीं होगा।
प्रधानमंत्री चीन सरकार के निमंत्रण पर दो दिसंबर को चीन की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय ‘सिंह दरबार’ में पूर्व प्रधानमंत्रियों और विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान ओली ने दावा किया कि चीन के साथ हस्ताक्षरित ‘बेल्ट एंड रोड’ (बीआरआई) पहल कोई ऋण आधारित समझौता नहीं था और अब इस बात पर चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है कि चीन से ऋण लिया जाए या नहीं।
‘बेल्ट एंड रोड’ वैश्विक संपर्क और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई एक बहुआयामी विकास पहल है।
ओली ने स्पष्ट किया, ‘‘हम अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर किसी भी देश या एजेंसी से ऋण या अनुदान तब लेते हैं, जब हमें इनकी आवश्यकता होती है। हमें इस आधारहीन अफवाह से प्रभावित नहीं होना चाहिए कि देश को कर्ज के बोझ तले फंसाने के लिए ऋण लिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चीन के साथ हमारे लंबे और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। मैं दोस्ती को और बहुआयामी बनाने के लिए इस पड़ोसी देश की यात्रा करुंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी पहली यात्रा के लिए चाहे जिस देश को चुनें, हम संप्रभुता, स्वतंत्रता और आजादी के साथ-साथ राष्ट्र कल्याण और वैश्विक कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।’’
प्रधानमंत्री ने उनकी यात्रा सफल रहने की उम्मीद जताई।
ओली ने इस अफवाह को खारिज कर दिया कि प्रमुख सत्तारूढ़ साझेदार सीपीएन (यूएमएल) और नेपाली कांग्रेस के बीच उनकी यात्रा के एजेंडे को लेकर विवाद है।
प्रधानमंत्री सचिवालय ने ओली के हवाले से कहा, ‘‘मैं अपने सभी मित्रों से इस आश्वासन का आग्रह करता हूं कि हम नेपाल के हितों और विश्व शांति के लिए काम करेंगे।’’
ओली ने बैठक में बताया कि चीन के साथ पिछले समझौतों का प्रभावी क्रियान्वयन, पारेषण लाइन का विस्तार, नेपाली उत्पादों का चीन को निर्यात और सहयोग के अन्य संबंधित मुद्दे मुख्य रूप से बीजिंग में उनकी उच्च स्तरीय बैठक के दौरान उठाये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि नेपाल के एक अन्य पड़ोसी देश भारत के साथ भी ऐसे ही मैत्रीपूर्ण संबंध हैं तथा उन्होंने नेपाल के आर्थिक विकास के लिए दोनों देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों का लाभ उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
चर्चा में अपने विचार साझा करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने कहा कि हालांकि उन्होंने अतीत में सबसे पहले चीन का दौरा करके परंपरा तोड़ी थी लेकिन उनका ‘‘चीन कार्ड’’ खेलने का कोई इरादा नहीं है।
प्रचंड ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री रहते हुए चीन के साथ हस्ताक्षरित समझौतों के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया।
विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा ने कहा कि प्रधानमंत्री की आगामी चीन यात्रा के संबंध में दोनों सत्तारूढ़ दलों द्वारा ‘एजेंडे’ के मुद्दे पर तैयारियां जारी हैं और सभी एजेंडों को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा को लेकर दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद नहीं है जैसा कि मीडिया में कहा जा रहा है।
भाषा
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