कटरा में ‘रोपवे परियोजना’ के खिलाफ आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प
जितेंद्र दिलीप
- 25 Nov 2024, 04:57 PM
- Updated: 04:57 PM
रियासी/जम्मू, 25 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले पैदल मार्ग पर प्रस्तावित रोपवे परियोजना के खिलाफ सोमवार को दुकानदारों और मजदूरों द्वारा निकाला गया मार्च झड़प में तब्दील हो गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, मार्च के कटरा आधार शिविर पर पहुंचने के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गयी।
पुलिस ने बताया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई, हालांकि माहौल को शांत करने के लिए बातचीत की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई मारपीट में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कटरा शहर में मार्च निकाला और धरना दिया।
कटरा शहर, त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है, जहां तीर्थयात्री ठहरते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने पहले 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था, लेकिन रविवार देर रात हड़ताल 24 घंटे के लिए और बढ़ा दी गयी।
दुकानदारों, खच्चर और पालकी मालिकों द्वारा आहूत हड़ताल 22 नवंबर को उस समय शुरू हुई थी, जब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने ताराकोट मार्ग और सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 250 करोड़ रुपये की ‘रोपवे’ परियोजना को अमल में लाने की योजना की घोषणा की थी।
दुकानदारों और मजदूरों को डर है कि दो वर्ष में पूरी होने वाली इस परियोजना के कारण वे बेरोजगार हो जाएंगे। सोमवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान उस समय तनाव बढ़ गया, जब प्रदर्शनकारियों के धरना देने के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक वाहन शहर से गुजरने का प्रयास कर रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने वाहन पर हमला कर उसका शीशा तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप से वाहन को पीछे हटाया गया, जिसके बाद झड़प हो गयी और इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें फेंकी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रियासी) परमवीर सिंह ने बताया, “कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गयी है और हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं।”
प्रदर्शनकारी इस परियोजना को बंद करने या इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
भाषा जितेंद्र