मुख्यमंत्री पद के लिए किसी ‘फॉर्मूले’ पर चर्चा नहीं : अजित पवार
खारी नरेश
- 25 Nov 2024, 01:52 PM
- Updated: 01:52 PM
कराड (महाराष्ट्र), 25 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के निवर्तमान उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए किसी ‘फार्मूले’ पर चर्चा नहीं हो रही है और इस पर फैसला महायुति के सहयोगी मिलकर लेंगे।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि महायुति को इतना बड़ा जनादेश मिला है और महा विकास आघाडी (एमवीए) के पास तो राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद के वास्ते दावा करने के लिए भी पर्याप्त संख्या बल नहीं है।
पवार ने इस बात को भी स्वीकार किया कि विधानसभा चुनावों में महायुति की जीत में सरकार की ‘लाडकी बहिन योजना’ की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह योजना महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
निवर्तमान उपमुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण को उनकी पुण्यतिथि पर कराड में उनके स्मारक ‘प्रीतिसंगम’ में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को घोषित किए गए। भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राकांपा वाले गठबंधन महायुति ने विधानसभा की 288 सीट में से 230 पर जीत हासिल की है।
सभी की नजर भाजपा नेता एवं निवर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर है जिन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। ऐसा इसीलिए क्योंकि उनकी पार्टी ने राज्य में 149 सीट पर चुनाव लड़कर 132 सीट जीत ली।
उधर, महाराष्ट्र के मंत्री एवं शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों का मानना है कि एकनाथ शिंदे को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री पद के लिए कोई ‘फार्मूला’ तय किया जा रहा है तो पवार ने कहा, ‘‘कोई फार्मूला चर्चा में नहीं है। हम तीनों (सहयोगी) एक साथ बैठेंगे और मुख्यमंत्री पद पर चर्चा करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कल राकांपा ने मुझे विधानसभा में पार्टी का नेता चुना। एकनाथ शिंदे को भी विधानसभा में शिवसेना का नेता चुना गया और भाजपा भी ऐसा ही करेगी। हम एक साथ बैठेंगे और चर्चा करेंगे और एक स्थिर सरकार देंगे।’’
पवार ने यह भी कहा कि वे तीनों दलों के बीच मंत्रिमंडल गठन पर क्या फार्मूला तैयार किया जाए, यह तय करेंगे।
राकांपा नेता ने कहा, ‘‘ऐसी खबरें हैं कि 27 नवंबर से पहले सरकार बन जानी चाहिए, नहीं तो राष्ट्रपति शासन लग जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास अब इतना बड़ा जनादेश है कि विपक्ष की एक भी पार्टी के पास विपक्ष का नेता नामित करने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं है। इस तथ्य को कोई नहीं नकार सकता।’’
उन्होंने कहा कि फडणवीस और शिंदे विधानसभा में विपक्ष और अन्य सदस्यों का सम्मान करने की परंपरा को बनाए रखेंगे।
पवार ने कहा कि महायुति नेताओं के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है।
उन्होंने स्वीकार किया कि महायुति की जीत में लाडकी बहिन योजना का योगदान भी अहम रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात को नकार नहीं सकते कि लाडकी बहिन ने इस चुनाव में हमें मजबूती दी। हम उनके (महिला मतदाताओं) आभारी हैं।’’
इस योजना का बचाव करते हुए निवर्तमान वित्त मंत्री पवार ने कहा, ‘‘अगर मैं लाडकी बहिन योजना का विरोधी होता तो मैं इसे सदन में पेश ही नहीं करता। मैंने इस योजना को अंतिम रूप देने से पहले कई सेवानिवृत्त वित्त अधिकारियों से इस पर चर्चा की थी।’’
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों का पवार ने खारिज कर दिया और कहा कि पंजाब, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना जैसे राज्यों में जहां उनके विरोधी दल की सरकार है, वहां भी इसी प्रकार से चुनाव कराए गए हैं।
भाषा
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