भाजपा, जद (एस) नेताओं ने चन्नापटना उपचुनाव जीतने में मदद की : उपमुख्यमंत्री शिवकुमार
शफीक धीरज
- 24 Nov 2024, 07:21 PM
- Updated: 07:21 PM
रामनगर (कर्नाटक), 24 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने रविवार को भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) के भीतर कलह का संकेत देते हुए चन्नपटना विधानसभा उपचुनाव में जद (एस) उम्मीदवार निखिल कुमारस्वामी की हार का ‘‘श्रेय’’ इन पार्टियों के नेताओं को दिया।
कांग्रेस उम्मीदवार सी.पी. योगीश्वर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और राजग उम्मीदवार निखिल कुमारस्वामी के खिलाफ शनिवार को घोषित परिणामों में 25,413 मतों के अंतर से चन्नापटना उपचुनाव में जीत हासिल की। कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक के सभी तीन विधानसभा क्षेत्रों - चन्नापटना, संडूर और शिग्गाओं में जीत हासिल की, जहां उपचुनाव हुए थे।
निखिल कुमारस्वामी केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं। पिछले साल सितंबर में, जद (एस) भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई थी।
शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस चुनाव (चन्नापटना) में सभी पार्टियों के कई लोगों ने हमारी मदद की है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास केवल 16,000 वोट थे।’’
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा, ‘‘अगर भाजपा और जद (एस) नेताओं ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारा समर्थन नहीं किया होता, तो हमें इतने वोट नहीं मिलते। मैं उन्हें बधाई देता हूं।’’
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कर्नाटक विधानसभा में जद(एस) की 19 सीट थीं, जो अब घटकर 18 रह गई हैं।
मतदाताओं का आभार जताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह चन्नापटना निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए योगीश्वर के पक्ष में लोगों का फैसला है।
इस बीच, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भाजपा और जद (एस) के बीच दरार पैदा करने के लिए शिवकुमार की आलोचना की।
अशोक ने मांड्या जिले में संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवकुमार को हमें (भाजपा और जद (एस) को) एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।’’
उन्होंने जानना चाहा कि इस साल के लोकसभा चुनाव में बेंगलुरू ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से शिवकुमार के भाई और तीन बार के सांसद डी.के. सुरेश की हार के लिए कौन जिम्मेदार है।
अशोक ने कहा, ‘‘डी.के. सुरेश की हार के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या इसके पीछे कांग्रेस नहीं थी? क्या यह सिद्धरमैया नहीं थे? क्या वह (शिवकुमार) इसे स्वीकार करेंगे? अगर वह स्वीकार करते हैं, तो मैं इस पर बोलूंगा।’’
भाषा शफीक