सर्वदलीय बैठक: सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की
आशीष नेत्रपाल
- 24 Nov 2024, 03:07 PM
- Updated: 03:07 PM
नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा कराने की विपक्षी दलों की मांग के बीच सरकार ने रविवार को कहा कि दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समितियां शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए मामलों पर निर्णय करेंगी। सरकार ने दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की।
सोमवार को शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की है।
अदाणी मुद्दे को उठाने की विपक्ष की मांग पर एक सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि सदनों की संबंधित कार्य मंत्रणा समितियां लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की सहमति से संसद में चर्चा किए जाने वाले मामलों पर निर्णय लेंगी।
बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के साथ-साथ मणिपुर की स्थिति का मुद्दा भी उठाया।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि पार्टी अदाणी के साथ-साथ मणिपुर में जातीय संघर्ष पर भी चर्चा चाहती है। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जातीय हिंसा के बावजूद सरकार को मणिपुर के मुख्यमंत्री पर भरोसा है।
विपक्षी दल ने उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले अदाणी का मुद्दा उठाया जाए।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि कंपनी ने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने को लेकर नेताओं और नौकरशाहों को कथित तौर पर 2,300 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया।
अमेरिकी अभियोजकों ने अरबपति गौतम अदाणी पर अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उत्तर भारत में गंभीर वायु प्रदूषण, ‘‘नियंत्रण से बाहर’’ हो गई मणिपुर की स्थिति और रेल दुर्घटनाओं जैसे मुद्दों पर भी चर्चा चाहती है। बैठक संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने बुलाई थी।
बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और गौरव गोगोई के अलावा टी शिवा, हरसिमरत कौर बादल और अनुप्रिया पटेल ने भी शिरकत की।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं।
लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि समिति के अध्यक्ष और भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल समिति की बैठकों में बाधा डाल रहे हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
रीजीजू ने कहा कि संयुक्त समिति का कार्यकाल बढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने उल्लेख किया कि लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति ही समिति के कार्यकाल विस्तार के मुद्दे पर चर्चा करने का मंच है।
वर्ष 2024-25 के लिए ‘अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच’ पर प्रस्तुति, चर्चा और मतदान को भी सूचीबद्ध किया गया है। सरकार द्वारा सूचीबद्ध अन्य विधेयक पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक है। इसके अलावा, तटीय नौवहन विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक को भी पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं और दो अन्य विधेयक राज्यसभा में लंबित हैं।
देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए प्रस्तावित विधेयक अभी सूची का हिस्सा नहीं हैं, हालांकि कुछ खबरों से पता चला है कि सरकार आगामी सत्र में प्रस्तावित कानून ला सकती है।
भाषा आशीष