जब तक फर्जी वोट डालने से रोकने के लिए आयोग सख्त कदम नहीं उठाता बसपा कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी: मायावती
आनन्द शोभना अमित
- 24 Nov 2024, 04:42 PM
- Updated: 04:42 PM
लखनऊ, 24 नवंबर (भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य की नौ सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी को करारी शिकस्त मिलने के एक दिन बाद रविवार को चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और कहा कि अब उनकी पार्टी कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी।
मायावती ने संभल में सर्वेक्षण के दौरान रविवार को हुई हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि आज वहां सर्वेक्षण के दौरान जो कुछ भी हिंसा व बवाल हुआ है, उसके लिए उत्तर प्रदेश का शासन व प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।
उत्तर प्रदेश में नौ सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा के उम्मीदवार सात क्षेत्रों में तीसरे स्थान पर रहे, जबकि दो सीट पर वे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवारों से भी पीछे पांचवें स्थान पर रहे।
मायावती ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘हमारी पार्टी ने यह फैसला किया है कि जब तक देश में फर्जी वोट डालने से रोकने के लिए देश के निर्वाचन आयोग द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाये जाते तब तक हमारी पार्टी देश में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आम चुनाव में इस मामले में थोड़ा बचाव जरूर हो जाता है क्योंकि सरकारी मशीनरी सत्ता परिवर्तन के डर से घबराती हैं।’’
इससे पहले मायावती ने कहा, ‘‘इस बार जो वोट पड़े और जो नतीजे आए उसको लेकर लोगों में आम चर्चा है कि पहले देश में जब बैलेट पेपर (मतपत्र) के जरिये चुनाव होते थे तो सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते थे और अब तो ईवीएम के जरिये भी यह कार्य किया जा रहा है।’’
मायावती ने दावा किया कि इतना ही नहीं, अब ये गतिविधियां आम चुनावों के बजाय, खासकर उपचुनावों के दौरान और भी खुलेआम हो रही हैं।
उन्होंने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में यह देखा। महाराष्ट्र में चुनावों को लेकर भी इसी तरह की चिंताएं जताई गई हैं। यह हमारे देश में लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चेतावनी है।"
मायावती ने कहा, "इस स्थिति को देखते हुए हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि जब तक भारत का निर्वाचन आयोग फर्जी मतदान को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाता, तब तक हम देशभर में, खासकर उत्तर प्रदेश में किसी भी उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। मैं यहां विशेष रूप से उपचुनावों का जिक्र कर रही हूं।"
बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस और भाजपा आदि पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस, भाजपा और इनकी समर्थक सभी जातिवादी पार्टियां खासकर 2007 में बसपा की उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद से बसपा को केंद्र की सत्ता में आने से रोकने के लिए तरह-तरह के षड्यंत्र करती रही हैं।
इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2007 में जब बसपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आयी तो कांग्रेस, भाजपा और इनकी समर्थक पार्टियां यह सोचकर घबरा गयीं कि यदि बसपा केंद्र की सत्ता में आ गयी तो फिर बाबा साहब आंबेडकर और कांशीराम का अधूरा रहा सपना जरूर साकार हो जाएगा।
मायावती ने कहा कि ''इसी भावना के तहत कांग्रेस, भाजपा एंड कंपनी के लोग अंदर अंदर आपस में मिलीभगत करके परदे के पीछे से खासकर दलित समाज में से बिकाऊ व स्वार्थी किस्म के लोगों के जरिये अनेक पार्टियां बनवा दी हैं, जिनको चलाने और चुनाव लड़ाने में इन्हीं दलों का धन लगता है। ऐसे लोग हेलीकाप्टर और कई गाड़ियों के काफिले के साथ दौरा करते हैं, ताकि दलित समाज के लोग आकर्षित हों।’’
बसपा नेता ने कहा कि अब तो यह आम चर्चा है कि ये लोग ऐसा इसलिए करते हैं ताकि दलित समाज के वोटों की शक्ति को खंडित करके बाबा साहब के कारवां को क्षति पहुंचायी जा सके।
बसपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि ये विरोधी पार्टियां जातिवादी पार्टियों को अपना खुद का वोट ‘ट्रांसफर’ करके इनके हर राज्य में एक दो सांसद व विधायक भी जितवा कर भेज रहीं हैं। उन्होंने कहा कि इनको मिलकर रोकना समय की मांग और सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय के लिए खास जरूरी है।
मायावती ने संभल की चर्चा करते हुए कहा कि कल उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के आये अप्रत्याशित नतीजों के बाद से खासकर संभल जिला सहित मुरादाबाद मंडल में तनाव व्याप्त है। उन्होंने कहा कि ऐसे में शासन-प्रशासन को संभल में मस्जिद-मंदिर विवाद को लेकर सर्वे कराने का कार्य थोड़ा आगे बढ़ाना चाहिए था, ऐसा करना बेहतर होता।
उन्होंने कहा कि आज वहां सर्वे के दौरान जो कुछ भी हिंसा व बवाल हुआ तो उसके लिए उत्तर प्रदेश का शासन व प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है। मायावती ने इसे अति निंदनीय करार दिया।
भाषा आनन्द शोभना