महाराष्ट्र के नतीजों ने हमारे शासन मॉडल को ऐतिहासिक स्वीकृति दी, कांग्रेस के ‘झूठ’ को नकारा: मोदी
नोमान संतोष
- 24 Nov 2024, 12:57 AM
- Updated: 12:57 AM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति की प्रचंड जीत की तारीफ करते हुए कहा कि भाजपा के शासन मॉडल को जनता ने अपनी स्वीकृति दे दी है जबकि कांग्रेस के "झूठ और छल" को खरजि कर दिया है। उन्होंने गांधी परिवार पर "जातिवाद और विभाजन का जहर" फैलाने का आरोप लगाया।
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की अभूतपूर्व जीत से उत्साहित मोदी ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के साथ "छलावा" करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की और वक्फ अधिनियम को उसकी "तुष्टिकरण की राजनीति" का उदाहरण बताया। केंद्र सरकार इस कानून को संशोधित करना चाहती है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने सच्ची धर्मनिरपेक्षता की हत्या करने की कोशिश की है और कहा कि वक्फ कानून का संविधान में कोई स्थान नहीं है।
"एक हैं तो सेफ हैं" के अपने नारे को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र से यह बड़ा संदेश है और यह देश का "महामंत्र" बन गया है।
उन्होंने विपक्षी पार्टी को परजीवी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए अपने दम पर सत्ता में आना कठिन होता जा रहा है।
मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने झूठ और छल से लोगों को बांटने की कोशिश की है। उनका इशारा भाजपा से संविधान को खतरा होने के विपक्ष के दावे की ओर था। इस दावे से सत्तारूढ़ पार्टी को लोकसभा चुनाव में कुछ राज्यों में नुकसान उठाना पड़ा था।
प्रधानमंत्री ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता केवल परिवार है, देश की जनता नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि शाही परिवार अब जातिवाद का जहर फैला रहा है।
उन्होंने कहा कि एक परिवार की सत्ता की भूख इतनी बढ़ गई है कि उसने पार्टी को ही खा लिया है। मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस में असंतोष की आग भड़क रही है क्योंकि उसके अपने कई नेता अब उसके मौजूदा मूल्यों से सहमत नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सुशासन की बात आती है तो लोग केवल भाजपा पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी ने देशभर में हुए उपचुनावों में भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के शासन मॉडल पर ऐतिहासिक मुहर है।
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर मोदी ने कहा, “विकास, सुशासन और सच्चे सामाजिक न्याय की जीत हुई है। झूठ, छल, विभाजनकारी ताकतों, नकारात्मक राजनीति और भाई-भतीजावाद को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है।”
उन्होंने कहा कि लोगों ने स्थिरता को प्राथमिकता दी है और राज्य ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के समर्थन में सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
भाजपा के पुराने सहयोगी और अब उसके धुर विरोधी उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि जिन नेताओं ने विश्वासघात किया और अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, उन्हें लोगों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। ठाकरे शिवसेना के एक धड़े के प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन किया लेकिन पार्टी और उसके नेता उद्धव ठाकरे के पिता बाल ठाकरे की नीतियों के समर्थन में नहीं बोल सके।
दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आने के मद्देनजर मोदी ने कई राज्यों के प्रमुख शहरों में भाजपा को मिले जन समर्थन पर प्रकाश डाला और भारतीय शहरों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक बनाने के अपनी पार्टी के एजेंडे पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नई मेट्रो ट्रेन, राजमार्ग और इलेक्ट्रिक बसें शुरू करके शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। मोदी ने शहरों को विकास का इंजन बताया जो गांवों को भी मजबूत बनाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्र का भाजपा को समर्थन आधुनिक भारत के लिए संदेश है और इसके विकास में बाधा डालने वालों को नकारना है। उन्होंने कहा कि शहरी भारत जीवन को आसान बनाना चाहता है और उसे भाजपा पर भरोसा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र छठा राज्य बन गया है जहां लोगों ने भाजपा को लगातार तीसरी बार सत्ता में रहने के लिए वोट दिया है।
भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल किया था, लेकिन उसके तत्कालीन सहयोगी ठाकरे ने सरकार बनाने के लिए विपक्ष से हाथ मिला लिया। यह सरकार2022 में गिर गई, जिससे भाजपा पार्टी के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ और उसने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के गुट के साथ गठबंधन किया। शिंदे मुख्यमंत्री बने।
मोदी ने कहा, “कांग्रेस और उसके तंत्र ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ फैलाकर वे अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को छोटे-छोटे समूहों में बांट सकते हैं। यह उनके मुंह पर जोरदार तमाचा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “लोगों ने विभाजनकारी तत्वों को धूल चटा दी है। कांग्रेस और उसके सहयोगी देश के बदलते मूड को समझने में विफल रहे हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता अस्थिरता नहीं चाहते हैं और वे राष्ट्र प्रथम में विश्वास करते हैं तथा "कुर्सी प्रथम" का सपना देखने वालों को पसंद नहीं करते।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में किए गए झूठे वादों के आधार पर भी कांग्रेस का मूल्यांकन किया।
मोदी ने कहा, “महाराष्ट्र में न तो उनके झूठे वादे काम आए और न ही उनका खतरनाक एजेंडा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव यह भी दर्शाता है कि भारत में केवल एक संविधान चलेगा और वह संविधान देश के लोगों को बी. आर. आम्बेडकर ने दिया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 की दीवार खड़ी करने की फिर से कोशिश कर रहे हैं।
मोदी ने कहा, “मैं कांग्रेस और उसके सहयोगियों से यह कहना चाहता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत अनुच्छेद 370 बहाल नहीं कर सकती और हमारे संविधान का अपमान नहीं कर सकती।”
मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी ने देश के मूल्यों और परंपराओं का सम्मान किया है तथा भारत अब "विकास और विरासत" के मंत्र के साथ आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्षेत्र और जाति के नाम पर विभाजन को बढ़ावा दे रही है और शहरी नक्सलवाद को बढ़ावा देना देश के लिए चुनौती बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी नक्सलवाद का रिमोट कंट्रोल देश के बाहर है।
भाषा नोमान