उपचुनाव : उप्र, बिहार, राजस्थान में भाजपा को बढ़त; पश्चिम बंगाल में तृणमूल का दबदबा
नोमान संतोष
- 24 Nov 2024, 01:11 AM
- Updated: 01:11 AM
नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) देश के 13 राज्यों की 46 विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के शनिवार को घोषित नतीजों के मुताबिक अधिकांश सीट पर सत्तारूढ़ दलों का दबदबा रहा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)और उसके सहयोगियों ने उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में दबदबा कायम किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में सूपड़ा साफ किया।
देश के 13 राज्यों की जिन 46 सीट पर उपचुनाव हुए उनमें से भाजपा और उसके सहयोगियों ने 26 सीट पर जीत दर्ज की और पूर्व की स्थिति के मुकाबले उसे नौ सीट का लाभ हुआ। कांग्रेस ने सात सीट पर जीत दर्ज की जबकि उसे पूर्व की स्थिति के मुकाबले छह सीट का नुकसान हुआ।
तृणमूल कांग्रेस को छह, आम आदमी पार्टी (आप)को तीन और समाजवादी पार्टी को दो सीट मिली है। केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और राजस्थान में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी)को एक-एक सीट मिली।
इसके अलावा सिक्किम में दो सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की।
दो लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनावों में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी को 4.1 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर अपनी पहली चुनावी जीत हासिल की। पार्टी महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट भी 1457 मतों से जीतने में सफल रही।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में लचर प्रदर्शन के बाद सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। गठबंधन के उम्मीदवारों ने नौ में से सात सीट पर जीत दर्ज की है। भाजपा ने चार सीट गाजियाबाद, खैर, मझवां और फूलपुर बरकरार रखी जबकि कटेहरी और कुंदरकी को सपा से छीन ली। वहीं उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने एक सीट बरकरार रखी। समाजवादी पार्टी के पास पूर्व में नौ में से चार सीट थी जिनमें से उसने दो सीट सीसामऊ और करहल को बरकरार रखा है।
नतीजे आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सफल नेतृत्व और मार्गदर्शन में लोगों के अटूट विश्वास का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों में भाजपा-राजग की विजय आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व एवं मार्गदर्शन पर जनता-जनार्दन के अटूट विश्वास की मुहर है।”
योगी ने कहा, “ये जीत ‘डबल इंजन’ सरकार की सुरक्षा-सुशासन एवं जनकल्याणकारी नीतियों तथा समर्पित कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम का सुफल है।”
उन्होंने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारा दोहराते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश में सुशासन और विकास को अपना मत देने वाले सम्मानित मतदाताओं का आभार एवं सभी विजयी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई! ‘बंटेंगे तो कटेंगे’। एक रहेंगे-सेफ रहेंगे।”
हालांकि, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश उपचुनावों को "चुनावी राजनीति का सबसे विकृत रूप" करार दिया।
मुस्लिम बहुल कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा 1993 के बाद से जीत नहीं पाई थी, जबकि कटेहरी में 1991 के बाद यह पार्टी की पहली जीत है।
राजस्थान में सत्तारूढ़ भाजपा ने सात में से पांच सीट पर जीत दर्ज की। इस प्रकार उसने पूर्व की स्थिति के मुकाबले तीन सीट कांग्रेस से और एक आरएलपी से छीनी है। भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) और कांग्रेस ने एक-एक सीट बरकरार रखी।
पंजाब की चार सीट के लिए आए उपचुनाव परिणाम में, जहां कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप सिंह ढिल्लों ने बरनाला विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की है, जबकि आप उम्मीदवारों ने चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा की तीन सीट पर जीत हासिल की है।
हारने वाले प्रमुख उम्मीदवारों में पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल (गिद्दड़बाहा) शामिल हैं। पंजाब कांग्रेस प्रमुख और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की पत्नी अमृता (गिद्दड़बाहा) और गुरदासपुर के सांसद सुखजिंदर रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर (डेरा बाबा नानक) उन सीट से हार गईं, जिन्हें उनका गढ़ माना जाता था।
बिहार में सत्तारूढ़ राजग ने सभी चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की है। राजग ने इमामगंज (हम) पर कब्जा बरकरार रखा है तथा तरारी (भाजपा), रामगढ़ (भाजपा) और बेलागंज (जद-यू) को ‘इंडिया’ गठबंधन से छीन लिया है। इससे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उसे मजबूती मिली है।
पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा हाल ही में बड़े जोर-शोर से गठित जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों की एक सीट को छोड़कर सभी सीट पर जमानत जब्त हो गई।
राजद अब विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा खो चुकी है। उसके नेता तेजस्वी यादव ने परिणामों को ज्यादा तवज्जो नहीं दी और दावा किया कि महागठबंधन 2025 का विधानसभा चुनाव जीतेगा।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर लंबे समय से जारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद पश्चिम बंगाल पर तृणमूल कांग्रेस की मजबूत पकड़ दिखाई दी। पार्टी ने सभी छह सीट पर जीत दर्ज की है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है मदारीहाट सीट जो उसने भाजपा से छीन ली।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उपचुनाव के नतीजों से उन्हें लोगों के लिए काम करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे उन्हें लोगों के लिए काम करने में मदद करेंगे। बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं तहे दिल से मां, माटी और मानुष को धन्यवाद और बधाई देना चाहती हूं। आपका आशीर्वाद हमें आने वाले दिनों में लोगों के लिए काम करने में मदद करेगा। हम सभी आम लोग हैं और यही हमारी पहचान है। हम जमींदार नहीं हैं, बल्कि लोगों के रखवाले हैं।’’
मेघालय में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को भी मजबूती मिली है, क्योंकि पार्टी उम्मीदवार और मुख्यमंत्री मेहताब चांडी की पत्नी अगितोक संगमा ने गाम्बेग्रे उपचुनाव जीत लिया।
कर्नाटक में कांग्रेस ने उपचुनाव में सभी तीन सीट पर जीत दर्ज की है। उसने इस चुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी जनता दल (एस) से एक-एक सीट छीनी है।
केरल में उसने पलक्कड़ विधानसभा सीट बरकरार रखी, जबकि सत्तारूढ़ एलडीएफ ने चेलाक्कारा विधानसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी.के.शिवकुमार ने विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व के साथ-साथ पांच गारंटी को देते हुए कहा कि यह जीत 2028 के विधानसभा चुनाव की प्रस्तावना है, जहां पार्टी एक बार फिर जीत हासिल करेगी।
असम में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों असम गण परिषद (अगप) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के साथ मिलकर राज्य की सभी पांच विधानसभा सीट पर जीत हासिल की।
अगप और यूपीपीएल ने क्रमशः बोंगाईगांव और सिदली (एसटी) सीट बरकरार रखीं। भाजपा ने बेहाली और धोलाई (एससी) सीट बरकरार रखीं और कांग्रेस से सामागुरी सीट छीन ली।
गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने उपचुनाव में वाव विधानसभा सीट कांग्रेस से छीन ली तथा छत्तीसगढ़ में रायपुर सिटी दक्षिण विधानसभा सीट और उत्तराखंड में केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी कब्जा बरकरार रखा।
मध्य प्रदेश में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हुई बुधनी सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा।लेकिन उसे झटका तब लगा जब राज्य के मंत्री रामनिवास रावत विजयपुर विधानसभा सीट हार गए और कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की।
रावत ने 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सीट जीती थी, लेकिन फिर भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें मोहन यादव सरकार में वन मंत्री बनाया गया। उन्होंने 1990, 1993, 2003, 2008 और 2013 में भी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में श्योपुर जिले के विजयपुर से जीत हासिल की थी।
सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार आदित्य गोले और सतीश चंद्र राय शनिवार को सोरेंग-चाकुंग और नामची-सिंघीथांग विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित हुए।
दो लोकसभा सीट-वायनाड और नांदेड़ पर उपचुनाव हुआ, जबकि उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ, राजस्थान की सात, पश्चिम बंगाल की छह, असम की पांच, पंजाब और बिहार की चार-चार, कर्नाटक और केरल की तीन-तीन, मध्यप्रदेश की दो और छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड तथा मेघालय की एक-एक सीट पर उपचुनाव हुआ।
भाषा नोमान