बंगाल उपचुनाव : तृणमूल कांग्रेस ने सभी छह सीट पर जीत दर्ज की, एक सीट भाजपा से छीनी
शफीक धीरज
- 23 Nov 2024, 05:40 PM
- Updated: 05:40 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 23 नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बावजूद पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन किया और राज्य में छह विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सभी पर जीत दर्ज की है।
तृणमूल ने इस उपचुनाव में मदारीहाट सीट भाजपा से छीन ली जबकि अपनी पांच सीट बरकरार रखीं।
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन सीट के मौजूदा विधायकों के विधायक के तौर पर इस्तीफे के बाद छह निर्वाचन क्षेत्रों - नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तलडांगरा, सिताई (सुरक्षित) और मदारीहाट (सुरक्षित) में उपचुनाव हुआ था।
इस उपचुनाव को राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा के रूप में देखा जा रहा था, विशेषकर इसलिए क्योंकि ये चुनाव आरजी कर मेडिकल कॉलेज में विरोध प्रदर्शनों के कारण राजनीतिक रूप से आवेशित माहौल के बीच हो रहे थे।
हरोआ में भाजपा तीसरे स्थान पर रही और अपनी जमानत बचाने में असफल रही, जहां 70 प्रतिशत से अधिक मतदाता अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। हरोआ को लेकर पार्टी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक भाजपा को वोट नहीं देते।’’
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को करारी हार का सामना करना पड़ा, सिताई, तलडांगरा, मेदिनीपुर और मदारीहाट में उसकी जमानत जब्त हो गई। इसी तरह, उसकी सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) लिबरेशन के उम्मीदवार की नैहाटी में जमानत जब्त हो गई जबकि ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के उम्मीदवार की हरोआ सीट पर जमानत जब्त हो गई।
वर्ष 2021 के बाद पहली बार वाम दलों के साथ गठबंधन के बिना चुनाव लड़ी कांग्रेस की सभी छह निर्वाचन क्षेत्रों में जमानत जब्त हो गई।
सिताई (सुरक्षित) में टीएमसी उम्मीदवार संगीता रॉय ने 1,30,636 वोट के अंतर से जीत हासिल की जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के दीपक कुमार रे को 35,348 वोट मिले। इस सीट पर टीएमसी का वोट प्रतिशत 2021 के राज्य चुनावों में 49 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 76 प्रतिशत हो गया, जबकि भाजपा का वोट प्रतिशत 45 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 16 प्रतिशत रह गया।
मदारीहाट (सुरक्षित) सीट पर भाजपा ने 2021 में जीत हासिल की थी। इस पर हुए उपचुनाव में टीएमसी के जयप्रकाश टोप्पो ने 79,186 वोट हासिल किए, जो भाजपा के राहुल लोहार के वोट से 28,168 वोट अधिक थे, जिन्हें 51,018 वोट मिले। यह राज्य के चाय बागान क्षेत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीट पर टीएमसी की वापसी का संकेत है।
नैहाटी में टीएमसी के सनत डे ने 78,772 वोट हासिल करके जीत हासिल की जबकि भाजपा के रूपक मित्रा को 29,495 वोट मिले।
हरोआ में टीएमसी उम्मीदवार एस.के. रबीउल इस्लाम ने 1,57,072 वोट पाकर जीत दर्ज की जबकि आईएसएफ के पियारुल इस्लाम को केवल 25,684 मत मिले।
मेदिनीपुर में टीएमसी के सुजॉय हाजरा ने 1,15,104 वोट पाकर जीत हासिल की, जो भाजपा के सुभाजीत रॉय से 33,996 वोटों से अधिक है, जिन्हें 81,108 वोट मिले।
तालडांगरा में टीएमसी उम्मीदवार फाल्गुनी सिंघाबाबू को 98,926 वोट मिले, जिन्होंने भाजपा उम्मीदवार अनन्या रॉय चक्रवर्ती को 34,082 मतों से हराया।
छह में से पांच निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण बंगाल में स्थित हैं, जो परंपरागत रूप से टीएमसी का गढ़ रहा है, जबकि राज्य के उत्तरी हिस्से में मदारीहाट को 2021 में भाजपा ने जीता था।
इस उपचुनाव की वजह से राज्य के मौजूदा राजनीतिक माहौल में सरगर्मी और बढ़ गई थी जो आरजी कर घटना को लेकर विरोध प्रदर्शनों की वजह से पहले से ही गर्म था।
पश्चिम बंगाल में सभी छह विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे उन्हें लोगों के लिए काम करने में मदद करेंगे। बनर्जी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं तहे दिल से मां, माटी और मानुष को धन्यवाद और बधाई देना चाहती हूं। आपका आशीर्वाद हमें आने वाले दिनों में लोगों के लिए काम करने में मदद करेगा।’’
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने नतीजों को अधिक तवज्जो नहीं दी। मजूमदार ने कहा, ‘‘उपचुनाव के नतीजे विश्वसनीय संकेतक नहीं हो सकते। लोग टीएमसी के साथ हैं या उनके खिलाफ, यह आगामी विधानसभा चुनावों में दिखेगा।’’
भाषा शफीक