हिंदी को वैश्विक महत्व मिलने से समावेशिता को बढ़ावा मिला: संयुक्त राष्ट्र राजदूतों ने कहा
सिम्मी प्रशांत
- 23 Nov 2024, 04:31 PM
- Updated: 04:31 PM
(योषिता सिंह)
(तस्वीर के साथ)
संयुक्त राष्ट्र, 22 नवंबर (भाषा) संयुक्त राष्ट्र के राजदूतों का कहना है कि हिंदी ने वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान हासिल की है और यह भौगोलिक सीमाओं को पार करते हुए व्यापक रूप से स्वीकार्य भाषा बन गई है जिससे समावेशिता को बढ़ावा मिला है।
राजदूतों ने दुनिया भर में लोगों को जोड़ने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए हिंदी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने हिंदी दिवस मनाने के लिए शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।
भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने शुक्रवार को संरा मुख्यालय में हिंदी दिवस मनाया।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद बीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने इस कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान विभिन्न देशों में हिन्दी की लोकप्रियता पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के कई राजदूत और अधिकारी भी शामिल हुए।
संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग (डीजीसी) के निदेशक इयान फिलिप्स ने ‘‘नमस्कार दोस्तों’’ के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की और हिंदी की वैश्विक पहुंच को ‘‘वास्तव में प्रभावशाली’’ बताते हुए कहा कि दुनिया भर में 60 करोड़ से ज्यादा लोग हिंदी बोलते हैं। अंग्रेजी और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली तीसरी भाषा है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहली बार 1949 में हिंदी बोली गयी थी।
फिलिप्स ने कहा, ‘‘जब दुनिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का बोलबाला है, ऐसे में भारत को इसमें प्रमुख भूमिका निभानी है और हिंदी भाषा अगली पीढ़ी के नेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लाखों लोगों के साथ संवाद करने का प्रमुख माध्यम बनी हुई है।’’
संयुक्त राष्ट्र में नेपाल के स्थायी प्रतिनिधि लोक बहादुर थापा ने कहा कि हिंदी ने भारत और नेपाल के बीच लोगों के आपसी संबंधों, जुड़ाव और संपर्कों को और अधिक विस्तारित और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि हिंदी ने विश्व के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक विकास और सामुदायिक सहभागिता सहित अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
संयुक्त राष्ट्र में गुयाना की उप-स्थायी प्रतिनिधि त्रिशाला प्रसाद ने कहा कि उनके देश में हिन्दी शब्दों का इस्तेमाल रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘गुयाना में बोले जाने वाले कई हिंदी शब्द पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की भोजपुरी बोली से लिए गए हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि हिंदी भारत के जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्य का पर्याय बन गई है और यह ‘‘हमारे प्रवासी समुदाय की ताकत और बॉलीवुड एवं शास्त्रीय साहित्य की प्रमुखता के बल पर’’ भौगोलिक सीमाओं को पार कर दुनिया भर में एक लोकप्रिय भाषा के रूप में उभरी है।
हरीश ने कहा कि भारत में 22 क्षेत्रीय भाषाएं और हजारों बोलियां हैं, लेकिन भाषाई रूप से विविधतापूर्ण देश में हिंदी का एक ‘‘विशेष स्थान’’ है। उन्होंने कहा कि हिंदी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
डीजीसी के निदेशक फिलिप्स ने कहा कि हिंदी ने अंग्रेजी भाषा में ‘जंगल’, ‘पजामा’, ‘बंगला, ‘योग’ और ‘गुरु’ जैसे शब्दों का योगदान दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े फिल्मोद्योग बॉलीवुड ने हिंदी और भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया है।’’
भाषा सिम्मी