चन्नापटना में निखिल की हार दर्शाती है जद(एस) अंतिम सांस गिन रही : योगीश्वर
पारुल पवनेश
- 23 Nov 2024, 04:30 PM
- Updated: 04:30 PM
बेंगलुरु, 23 नवंबर (भाषा) कर्नाटक में चन्नापटना विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले सीपी योगीश्वर ने शनिवार को कहा कि जनता दल (सेक्युलर) नेता निखिल कुमारस्वामी की हार दर्शाती है कि पार्टी अंतिम सांस गिन रही।
निखिल केंद्रीय मंत्री एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं। वह चन्नापटना विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार थे।
राजग में हाई प्रोफाइल चन्नापटना सीट जद(एस) को आवंटित किए जाने के बाद भाजपा के टिकट पर क्षेत्र से चुनाव लड़ने की योजना बना रहे योगीश्वर पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
चन्नापटना में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने वाले योगीश्वर ने जद(एस) प्रत्याशी निखिल को 25,413 मतों के अंतर से हराया। निखिल को जहां 87,229 वोट हासिल हुए, वहीं योगीश्वर के खाते में 1,12,642 मत गए।
पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य निखिल की यह लगातार तीसरी चुनावी हार है। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उन्हें मांड्या सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में वह रामनगर सीट पर जीत दर्ज करने में असफल रहे थे।
योगीश्वर ने संवाददाताओं से कहा, “निखिल की हार दर्शाती है कि जद(एस) अंतिम सांस गिन रही है। चन्नापटना विधानसभा उपचुनाव जद(एस) के अस्तित्व के बारे में थे, जिसके लिए देवेगौड़ा और कुमारस्वामी ने निखिल पर दांव लगाया था।”
उन्होंने कहा, “देवेगौड़ा ने अपने पोते की जीत सुनिश्चित करने का संकल्प लिया था। मैं पहले ही कह चुका हूं कि देवेगौड़ा एक बड़ी ताकत हैं, लेकिन लोगों ने उन्हें इस चुनाव में खारिज कर दिया, क्योंकि वह सामाजिक सरोकार के लिए नहीं, बल्कि स्वार्थ के लिए लड़ रहे थे। वंशवाद की परंपरा को आगे बढ़ाने की लालसा थी, जिस पर लोगों ने पानी फेर दिया।”
योगीश्वर ने कहा कि लोगों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि जद(एस)-भाजपा गठबंधन काम नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, “कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपने बेटों निखिल कुमारस्वामी और बीवाई विजयेंद्र (जो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं) को बढ़ावा देना चाहते थे। ...”
योगीश्वर ने येदियुरप्पा पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि येदियुरप्पा के कारण ही उन्हें (योगीश्वर को) उपचुनाव से पहले भाजपा छोड़नी पड़ी और कांग्रेस में शामिल होना पड़ा।
भाषा पारुल