महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की अजेय बढ़त, झारखंड में ‘इंडिया’ आगे
सिम्मी नेत्रपाल
- 23 Nov 2024, 02:23 PM
- Updated: 02:23 PM
मुंबई/रांची, 23 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति ने महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन के खिलाफ अजेय बढ़ हासिल कर ली, जबकि झारखंड में ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस) सत्ता में वापसी करता दिख रहा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतों की गिनती के साथ ही भाजपा में जश्न का माहौल है जहां 149 सीट पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी 125 सीट जीतने की ओर अग्रसर है। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ मिलकर भाजपा नीत सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन राज्य की 288 सीट में से 219 सीट जीतने की ओर अग्रसर है, जबकि कांग्रेस-शिवसेना (उबाठा), राकांपा (एसपी) गठबंधन को सिर्फ 51 सीट पर ही जीत मिलने की संभावना है।
इस राज्य में निर्णायक जनादेश से सकते में आए विपक्ष को झारखंड ने राहत दी। दोनों राज्यों के मतदाता बदलाव के बजाय निरंतरता के पक्ष में हैं।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, 81 सीट वाली झारखंड विधानसभा में भाजपा 27 सीट, जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाला झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) 30 सीट, कांग्रेस 14, राजद (राष्ट्रीय जनता दल) चार और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी -मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) एक सीट पर आगे है।
झारखंड में ‘इंडिया’ गठबंधन के जीत के करीब पहुंचने के बीच कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने ‘पीटीआई वीडियोज’ से कहा, ‘‘हमने जो काम किया है, हमें उसका पुरस्कार मिल रहा है... हम जिस तरह जनता से जुड़े रहे, हमें उसका भी पुरस्कार मिल रहा है। रुझानों में जो दिख रहा है, उससे हम कह सकते हैं कि हम फिर से सरकार बनाने जा रहे हैं और जो वादे हमने किए थे, हम उन्हें पूरा करेंगे।’’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस जीत के लिए सभी का शुक्रिया अदा करता हूं। महायुति द्वारा किए गए काम की वजह से हमें इतनी बड़ी जीत मिली है। बहुत आभारी हूं।’’
एकनाथ शिंदे के गठबंधन सहयोगियों ने इस शानदार जीत का श्रेय ‘लाडकी बहिन’ योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं को दिया।
एकनाथ शिंदे के पुत्र और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि जनादेश से पता चलता है कि बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को कौन आगे ले जा रहा है। उन्होंने शिवसेना संस्थापक की खंडित विरासत की ओर इशारा करते हुए यह बात कही। बालासाहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख हैं।
महायुति के सत्ता की ओर अग्रसर होने के बीच शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि इसमें एक ‘‘बड़ी साजिश’’ है और कुछ ‘‘गड़बड़’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसमें एक बड़ी साजिश नजर आ रही है...यह मराठी ‘मानुष’ और किसानों का जनादेश नहीं है। हम इसे लोगों के जनादेश के रूप में स्वीकार नहीं करते।’’
राउत ने कहा कि उनके मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि चुनाव में पैसे का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सभी विधायक कैसे जीत सकते हैं? अजित पवार, जिनके विश्वासघात ने महाराष्ट्र के लोगों को नाराज किया, वह कैसे जीत सकते हैं?’’
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र लोकसभा में 48 सांसद भेजता है और उसने संसदीय चुनाव में एमवीए को निर्णायक 30 सीट पर विजयी बनाया था लेकिन उसने इस बार रुख बदलने का फैसला किया।
ये परिणाम भाजपा के लिए उत्साहवर्धक हैं, जिसने पिछले महीने हरियाणा में अभूतपूर्व तीसरी बार जीत हासिल की थी। आम चुनाव के दौरान राज्य में खराब प्रदर्शन के बाद इन परिणामों से पार्टी का उत्साह बढ़ेगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीट पर जीत मिली थी।
महाराष्ट्र के जनादेश ने महायुति गठबंधन के भीतर भाजपा को मजबूती दी है और यह जनादेश देवेंद्र फडणवीस के पुनः मुख्यमंत्री बनने की संभावना को खोलता है। साथ ही यह परिणाम कांग्रेस और मराठा नेता शरद पवार के लिए आत्मचिंतन का विषय है।
भाजपा 125 सीट पर आगे है। शिवसेना 56 और राकांपा 35 सीट पर आगे है जबकि कांग्रेस सिर्फ 21, शिवसेना (उबाठा) 17 और राकांपा (एसपी) 13 सीट पर आगे है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं अजित पवार अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में आगे हैं। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले साकोली निर्वाचन क्षेत्र से मामूली अंतर से आगे हैं तथा शिवसेना (यूबीटी) नेता और मौजूदा विधायक आदित्य ठाकरे वर्ली विधानसभा सीट से बढ़त बनाए हुए हैं।
कांग्रेस के विधायक दल के नेता और पूर्व मंत्री बालासाहेब थोराट संगमनेर में पीछे हैं जबकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण कराड दक्षिण विधानसभा सीट पर पीछे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता लावण्या बल्लाल ने ‘डीकोडर’ से कहा, ‘‘यह हमारे लिए स्तब्धकारी और हृदय विदारक है... भाजपा अपने शानदार जमीनी कार्य और सीटों के बंटवारे के कारण आगे है।’’
महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी ने 149 विधानसभा सीट पर, शिवसेना ने 81 सीट पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 59 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे थे।
विपक्ष के एमवीए गठबंधन में, कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने 95 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार खड़े किए।
झारखंड में चुनाव परिणाम से 1,211 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगे। इन उम्मीदवारों में हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सरायकेला से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन शामिल हैं।
भाषा सिम्मी